धनु-मकर आषाढ़ राशिफल
- 06 April 2015
शनि की ढईया भी साढ़ेसाती की तरह ही कष्टकारी होती है | जब आपकी राशि से शनि चौथे अथवा आठवें भाव में आ जाते हैं तो आपकी राशि ढईया से पीड़ित हो जाती है | ढाई वर्षों तक यह पनौती रहती है इस दौरान अनेक खट्टे- मीठे अनुभव होते हैं
वर्तमान में शनि के राशि परिवर्तन से यह राशियाँ ढईया से पीड़ित हैं -
मेष राशि - शनि इस राशि के आठवें भाव में है |
सिंह राशि - शनि इस राशि के चौथे भाव में हैं |
ढईया पूरी तरह से विपरीत प्रभाव ही नहीं देती है, अपितु लाभ भी देती है आठवें भाव में जब शनि आता है तो अनुसन्धान के कार्यों में बहुत लाभ देता है यानि जातक यदि वैज्ञानिक अथवा शोध कार्य के क्षेत्र में है तो वह नया अविष्कार करने में सक्षम होता है और इसी ढाई वर्षो में उसको इस किये गए कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है | चौथे भाव में आने पर शनि देव भूमि, भवन और वाहन का सुख प्राप्त करता है और उसकी प्रतिष्ठा में भी बढ़ोत्तरी होती है |