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माँ की आराधना का पर्व "नवरात्री "

वासंतिक नवरात्र

वासंतिक नवरात्र  का प्रारंभ २३ मार्च २०१२ से हो रहा है, इसी दिन से हिंदू नव-वर्ष (नव संवत्सर ) का प्रारंभ भी होगा | ६० संवत की आवृत्ति में यह तीसवां संवत है जिसका नाम "विश्वावसु" है | इस बार का संवत २०६९ होगा व इस संवत का राजा व मंत्री दोनों ही शुक्र होगा | शुक्रवार २३ मार्च को ११.३० मिनट तक उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा तत्पश्चात रेवती प्रारंभ होगा | कलश स्थापना के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा, सुबह ११. ३७ मिनट से १२.३५ दोपहर तक का समय विशेष शुभ है |

इस बार नवरात्र नौ दिनों का ना हो के, दस दिनों का होगा | इस बार षष्ठी तिथि की वृद्धि हो रही है, इस बार षष्ठी २८ व २९ मार्च दोनों ही दिन रहेगी | तिथि की वृद्धि होना एक शुभ संकेत होता है, पृथ्वी धन धान्य से पूर्ण होती है, वर्षा आवशयकतानुसार होती है | हर क्षेत्र में विकास होगा, शुक्र के प्रभुत्व के कारण महिलाओं का वर्चस्व बढ़ेगा, कला, मनोरंजन व साहित्य के क्षेत्र के कार्य करने वालों को विशेष लाभ मिलेगा |

३१ मार्च दिन शनिवार को महाअष्टमी मनाई जायेगी व १ अप्रैल रविवार को नवमी तिथि होगी (८.२९ के बाद दशमी लगेगी )| उदयकालीन तिथि मानने वाले १ अप्रैल रविवार को श्री राम नवमी व्रत रखेंगे और राम नवमी मनाएंगे | मध्यान व्यापिनी तिथि मानने वाले ३१ मार्च को श्री राम नवमी का व्रत रखेंगे |

मैं अमित बहोरे आप लोगों को हिंदू नव वर्ष २०६९ , वासंतिक नवरात्र व श्री राम नवमी की बधाई देता हूँ , आप सभी को ईश्वर की कृपा मिले | नवरात्री पर पाठ कैसे करने है और पूजन कैसे करना है आगे बताता रहूँगा |  धन्यवाद ||

 

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