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शनि जयंति

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शनि जयंति-  (20 मई 2012 रविवार)

शनि देव जिस पर प्रसन्न हो उसे जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं होता। शनि जयंती ऐसा ही एक अवसर है जब शनिदेव को सरलता से प्रसन्न किया जा सकता है। धर्म शास्त्रों में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों की रचना की गई है। उन्हीं में से कुछ मंत्र नीचे दिए गए हैं। शनि जयंती के दिन इनका विधि-विधान से जप करें तो शनिदेव शीघ्र ही प्रसन्न हो जाएंगे।

  • ऊँ शं शनैश्चराय नम:।
  • ऊँ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
  • ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: ।
  • नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम्॥

वैसे ये तो हो गये शनि के मंत्र जिस से शनि को प्रसन्न किया जा सकता है, परंतु यदि हम सयमित रहे तो शनि कभी दुखद परिणाम नहि देते ......

माता-पिता की सेवा करे ।

किसी भी इंसान को छोटा मत समझे।

निन्दा ना करे ।

भिखारी, दुर्बल, रोगी का उपहास ना करें |

मांस-मदिरा व नशीली वस्तुओं से अपने को दूर रखें |

सच बोलने की कोशिश करें |

शनि देव को तिल और तेल चढाएं |

शनिवार को पीपल के नीचे दीपक जलाये, व फेरी लें |

 

साढ़े-साती, ढैया, शनि महादशा या अंतर्दशा वाले शनि जयंति पर शनि पूजन अवश्य करे, शनि देव क तैलाभिषेक कर के यथाशक्ति जाप व हवन करे तत्पश्चात गरीबो की सेवा करे -भोजन कराये व वस्त्र दे ।

शनि देव जैसे को तैसा देते है यदि आप अच्छा चाह्ते है तो आप को अच्छा बनना पढेगा, और कोई विकल्प नहि है .......

धन्यवाद

शनि जयंति की हर्दिक शुभकामना

अमित बहोरे

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