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कैसा होगा वर्ष 2013!

वर्ष 2012 की अवसान बेला आ चुकी है. नया वर्ष बाहें फैलाएं हमारी प्रतीक्षा कर रहा है. हम सब यह चाहते हैं कि नया वर्ष खुशियों से परिपूर्ण हो, लेकिन नया वर्ष हमारे लिए कैसी खुशियां लेकर आया है, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है. कुछ भविष्यवक्ता राशिनुसार नये वर्ष के बारे में भविष्यवाणी कर रहे हैं. आइए जानें उन भविष्यवाणियों के बारे में :-

मेष (Aries): नये वर्ष में आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी. आमदनी में बढ़ावा होगा. नौकरी में अच्छा मौका मिलेगा. व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता मिलेगी. आमदनी की अपेक्षा खर्च ज्यादा रहेगा. उच्च शिक्षा के लिए मौके मिलेंगे. साथ ही नए प्रॉजेक्ट या रिसर्च वर्क भी हो सकता है. छोटी यात्रा होगी. स्वास्थ्य की दृष्टि से छोटी-मोटी परेशानी होगी. मानसिक उद्वेग बढ़ेगा. दिमाग को ठंडा रखें. कानूनी कागजात पर संभलकर हस्ताक्षर करें. परिवार में प्रश्न खड़े न हों उसका ध्यान रखें. परिवार में विवाद या गलतफहमी न खड़ी हो उसका ध्यान रखें. इसके अलावा आपकी सत्ता में कमी आ सकती है. कानूनी समस्या खड़ी न हो इसका ध्यान रखें. दांपत्य जीवन में छोटे से कारणों से संघर्ष होगा. इसलिए गणेशजी आपको समझौते का रवैया अपनाने को कहते हैं. राहु इस साल आपको गृहस्थ जीवन में और भागीदारों के साथ स्वभाव को अनुकूल बनाकर रखने पर मजबूर करेगा. कोर्ट- कचहरी के योग बनेंगे.

वृषभ (Taurus): आर्थिक लाभ अच्छा रहेगा और कुछ नया करने की प्रेरणा मिलेगी. गुरु की पांचवें स्थान में दृष्टि होने से संतान प्राप्ति होगी. प्रेम प्रसंग होंगे और उनकी नवें स्थान पर दृष्टि यात्रा के योग खड़े करेगी. विवाह इच्छुक व्यक्तियों की इच्छापूर्ति होगी. 01-06-2013 से आकस्मिक धनलाभ होगा. कोर्ट-कचहरी के कार्य में सफलता मिलेगी. नौकरी में पदोन्नति मिलेगी. जनसमूह में मान-सम्मान मिलेगा. शत्रुओं पर विजय मिलेगी. व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता मिलेगी. कोर्ट-कचहरी के कार्यों में सफलता मिलेगी. किन्तु शारीरिक परेशानियां रहेंगी या लंबे समय की बीमारियों से परेशानी रहेगी. स्वजन या मित्रों से परेशानी रहेगी और सांसारिक जीवन में उदासीनता रहेगी. आध्यात्म की ओर नजर रहेगी. अंत में वेस्ट ऑफ वेल्थ भी कह सकते हैं. 15 मई 2013 से 23 मई 2013 के दौरान गुस्से पर काबू रखना बहुत ही जरूरी है.

मिथुन (Gemini): मानसिक अशांति होगी. व्यावसायिक क्षेत्र में ज्यादा मेहनत से सफलता मिलेगी. धार्मिक कार्यों में खर्च होगा, कर्ज चुकाने में सरलता रहेगी. नौकरी में लाभ मिलेगा. 01-06-2013 के दिन गुरु मिथुन राशि में आएगा जो आपकी हिम्मत और साहस में बढ़ाएगा. संतान प्राप्ति होगी. विवाह के इच्छुक लोगों की इच्छा पूरी होगी. बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड, नई आर्थिक जिम्मेदारी खड़ी करके कर्ज न बढ़ाएं. नौकरी छोड़ने की सोच मन से निकाल दें. वर्ष की शुरूआत में शनि तुला राशि में से गुजर रहा है जो आपकी राशि के पंचम भाव में रहेगा. इससे पढ़ाई में मुसीबतें आएंगी. संतान के बारे में चिंता रहेगी. प्रेम में असफलता मिलेगी. लोभ- लालच रहेगा. मंत्र- तंत्र में रूचि रहेगी. पढ़ाई में कम अंक मिलेंगे या फेल हो सकते हैं. शेयर-सट्टा में समझदारी से दीर्घकालिक निवेश करें. आर्थिक लाभ अच्छा रहेगा.

कर्क (Cancer): वर्ष की शुरूआत में गुरु आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में है जो 31-05-2013 तक रहेगा. इससे पढ़ाई, व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता मिलेगी, धनलाभ होगा. उच्च पदाधिकारियों या उच्च क्षेत्र के व्यक्तियों के साथ संबंध रहेंगे. मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलेगी. मित्रों से लाभ रहेगा. लंबी बीमारी से राहत मिलेगी. संतान प्राप्ति या संतान के कार्य क्षेत्र में प्रगति होगी. दाम्पत्य सुख अच्छा मिलेगा. किन्तु विवाहेतर संबंध की संभावना है. पारिवारिक सुख अच्छा मिलेगा. स्टॉक मार्केट से फायदा रहेगा. 01-06-2013 को गुरु मिथुन राशि में प्रवेश करेगा जो वर्ष के अंत तक रहेगा. इसलिए व्यावसायिक क्षेत्र में संभलकर कार्य करें नहीं तो आर्थिक नुकसान होने की संभावना रहेगी. स्वजनों या स्नेहीजनों द्वारा विश्वासघात होने के योग खड़े होंगे. नौकरी में प्रमोशन मिलेगा. साथ ही विदेश जाने का मौका या मल्टिनैशनल कंपनी में जॉब की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन दाम्पत्य जीवन में परेशानियां आएंगी. आध्यात्मिकता की ओर झुकाव रहेगा.

सिंह (Leo): वर्ष के प्रारंभ में गुरु आपकी राशि के दसवें से गुजरेगा. जिससे व्यवसाय या व्यापार के क्षेत्र में अच्छी प्रगति होगी. संपत्ति, मकान- जमीन वगैरह कार्यों में सफलता मिलेगी. नौकरी में प्रमोशन मिलेगा. लेकिन साथ में राहु का असर भी होने से मिलने योग्य फल में अंशतः कमी होगी. 01-06-2013 से गुरु आपके लाभ स्थान से गुजरेगा, जो वर्ष के अंत तक रहेगा, जिससे आपको सामाजिक मान- सम्मान मिलेगा. धर्म, अध्यात्म या तत्वज्ञान की ओर का झुकाव रहेगा. शेयर-सट्टे के मामले में अच्छा लाभ होगा. वर्ष के प्रारंभ में शनि आपकी राशि के तीसरे स्थान तुला राशि से गुजर रहा है और 24-12-2012 से राहु तुला राशि में तीसरे भाव में और केतु भाग्य स्थान से गुजरेगा. इससे साहस और पुरुषार्थ से व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता मिलेगी. संतानों के साथ वैचारिक मतभेद होगा. जमीन-धन और भौतिक सुख मिलेंगे.

कन्या (Virgo): वर्षारंभ में गुरु आपके भाग्य स्थान से गुजर रहा है, जिससे भाग्यवृद्धि के योग बनेंगे. व्यवसाय के क्षेत्र में प्रगति होगी. सुख-सुविधा के साधनों में वृद्धि होगी. संतानप्राप्ति के बारे कि चिंता दूर होगी. धार्मिक और मांगिलक प्रसंग हो सकते है. आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रगति होगी. परिवार की जिम्मेदारियों में वृद्धि होगी. सामाजिक मान-सम्मान और यश प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. 31-05-2013 को गुरु मिथुन राशि में प्रवेश करेगा, जो आपको नए साहसिक कार्य करने की प्रेरणा देगा. व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता मिलेगी. संपत्ति में वृद्धि होगी. मित्रों के साथ संबंध अच्छा रहेगा. उनसे लाभ रहेगा. नौकरी में लाभ होगा. प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. विदेशी मित्रों से लाभ होगा. उनके द्वारा नई प्रगति की राह मिलेगी, फंसे हुए पैसे तुरत मिलेंगे. आपकी सत्ता बढ़ेगी. 24-12-2013 से राहु तुला राशि में प्रवेश करेगा, जो आपके धनस्थान में रहेगा. इससे आकस्मिक खर्चे आएंगे. आय से अधिक व्यय का प्रमाण रहेगा.

तुला (Libra): आपकी राशि के अष्टम भाव में से गुरु के भ्रमण से छोटी-मोटी शारीरिक मुसीबतें आएंगी. पारिवारिक खर्च बढ़ेगा. मानसिक चिंताएं और क्लेश रहेगा. व्यावसायिक क्षेत्र में ध्यान रखें. कोर्ट-कचहरी के कार्यों में धन खर्च होगा. विद्याप्राप्ति में परेशानियां होंगी. किन्तु यह कम समय के लिए होगा. 31-05-2013 से गुरु मिथुन राशि में आपकी राशि से भाग्यस्थान से गुजरेगा. जिससे पारिवारिक सुख अच्छा मिलेगा. भाग्यवृद्धि होगी. संपत्ति में वृद्धि होगी. महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति होगी. धार्मिक कार्यों में रूचि रहेगी. तीर्थयात्रा होगी. परोपकारी कार्यों में रूचि रहेगी. सामाजिक मान-सम्मान मिलेगा. यश में वृद्धि होगी. नौकरी व्यवसाय के काम से बाहर जाना हो सकता है. वर्षारंभ में शनि आपके जन्म के चंद्र पर से गुजरता है. जो आपको धनलाभ दिलवाएगा किन्तु आंतरिक जीवन में असंतोष रहेगा. सांसारिक जीवन में उदासीनता रहेगी. शारीरिक, मानसिक परेशानी रहेगी. गुस्सा और जिद इस वर्ष आप पर हावी रहेगा. मानसिक स्थिरता कम रहेगी. 24-12-2012 से राहु आपकी राशि में से गुजरेगा. जो आपके जन्म के चंद्र पर शनि राहु का शापित दोष बनाता है. इस कारण पानी से जुड़ी बीमारी भी हो सकती है.

वृश्चिक (Scorpio): गुरु वर्ष के प्रारंभ में आपकी राशि में सप्तम भाव से गुजरेगा. जिससे महत्वाकांक्षाओं में वृद्धि होगी. दांपत्यसुख अच्छा मिलेगा. परिवार में शुभ और मांगलिक प्रसंग बनेंगे. शेयर-सट्टे की प्रवृत्तियों में लाभ रहेगा. भौतिक सुख के साधनों में वृद्धि होगी. प्रेम में पड़ने का योग भी है. 31-05-2013 को गुरु मिथुन राशि में प्रवेश करेगा जो आपके अष्टम स्थान से गुजरेगा. जिससे शारीरिक और आर्थिक नुकसान के योग हैं. धार्मिक कार्यों में धनखर्च होगा. वर्ष के प्रारंभ में शनि आपकी राशि के बारहवें स्थान से गुजरेगा. जिसमें शनि- राहु व्यय भाव में शापित दोष बनाएंगे जो आपको शारीरिक कष्ट और अधिक परिश्रम से सफलता मिलने का संकेत करते हैं. स्वजनों के साथ वैचारिक मतभेद होगा. आमदनी से खर्च ज्यादा रहेगा. संतानों के बारे में चिंता रहेगी. कोर्ट- कचहरी के कार्यों में असफलता मिलेगी. कर्ज न हो उसका विशेष ध्यान रखें.

धनु (Sagittarius): वर्षारंभ में गुरु वृषभ राशि में छठे भाव में रहेगा जिससे स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहेगा. फिर भी व्यावसायिक क्षेत्र में लाभ रहेगा. पारिवारिक जिम्मेदारियां आएंगी. 31-05-2013 को गुरु मिथुन राशि में प्रवेश करेगा है, जिससे महत्वाकांक्षाओं में वृद्धि होगी. मांगलिक प्रसंग बनेंगे. शेयर-सट्टे, नौकरी में लाभ होगा. सामाजिक कार्यों में यश, मान और प्रतिष्ठा मिलेगी. भौतिक साधनों में वृद्धि होगी. प्रेम में पड़ने के योग भी हैं. वर्ष के प्रारंभ में शनि आपकी राशि के लाभ स्थान से गुजरेगा है. इससे बुजुर्ग और मित्रों से लाभ मिलेगा. धन, मकान, वाहन सुख अच्छा है. नौकरी में उच्चपद मिलेगा. संतानों के साथ वैचारिक मतभेद हो सकता है. 24-12-2012 से शनि के साथ राहु की युति लाभ भाव में होगी और केतु आपकी राशि के पंचम स्थान में भ्रमण करेगा. शेयर सट्टे के क्षेत्र में बहुत मेहनत से अंत में लाभ मिलेगा. संतान के बारे में चिंता रहेगी. विद्याप्राप्ति में बाधाएं आएंगी. धनहानि के योग बनेंगे.

मकर (Capricorn): वर्ष के प्रारंभ में गुरु आपकी राशि से पंचम भाव से गुजर रहा है. इससे आकस्मिक धनलाभ होगा. संतानों के कार्यक्षेत्र में प्रगति होगी. साहसिक कार्यों में सफलता मिलेगी. व्यावसायिक क्षेत्र में यात्रा लाभदायी रहेगी. मांगिलक प्रसंग होंगे. परदेश से जुड़े कामकाज होंगे. शेयर-सट्टे के कार्यों में लाभ होगा. नौकरी में प्रमोशन मिलेगा. 31-05-2013 से गुरु आपकी राशि के छठे भाव में होगा. इससे प्रतिस्पर्धियों से परेशानी रहेगी. नौकरी में लाभ मिलेगा और वेतन में बढ़ोतरी होगी. लंबी यात्रा भी हो सकती है. 24-12-2012 से राहु भी आपकी राशि के दसवें भाव से गुजरेगा. इसलिए शनि-राहु की युति आपके कर्म स्थान में होगी और केतु सुख स्थान में परिभ्रमण करेगा, जिसके कारण नौकरी में बदलाव होगा. दांपत्य जीवन में मतभेद हो सकता है. आंतरिक और मानसिक अशांति और उद्वेग रहेगा. माता के साथ वैचारिक मतभेद होगा. मित्रों से अनबन होगी. व्यासायिक क्षेत्र में संभलकर कार्य करें.

कुंभ (Aquarius): गुरु-केतु चौथे स्थान में और राहु दसवें स्थान से गुजरेगा जिसके कारण धार्मिक कार्यों में खर्च होगा. मित्रों से विश्वासघात का योग बनेगा. व्यावसायिक क्षेत्र में धीमी प्रगति होगी. नौकरी में प्रमोशन मिलेगा, साथ में स्थानांतरण की भी संभावना है. 31-05-2013 को गुरु मिथुन राशि में आएगा, जो आपकी राशि के पंचम भाव में होगा. यह पढ़ाई में सफलता दिलाएगा. नौकरी में लाभ मिलेगा. व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी. निःसंतान दंपति के संतान प्राप्ति का योग है. 24-12-2012 से शनि-राहु साथ होंगे और केतु तीसरे स्थान से गुजरेगा. इससे पिता के साथ और नौकरी में उच्च अधिकारियों के साथ वैचारिक मतभेद होगा. दांपत्य जीवन में मुसीबतें आएंगी. मित्रों के साथ मनमुटाव हो सकता है. व्यवसाय में मेहनत के अनुरूप लाभ नहीं मिलेगा. 4 मार्च 2013 के आसपास के सप्ताह में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र की युति होने से सब तरह से ध्यान रखने की सलाह है.

मीन (Pisces): वर्षारंभ में गुरु तीसरे स्थान से गुजरेगा जिससे साहसिक कार्यों में सफलता मिलेगी. परिवार में शुभ काम होंगे. व्यावसायिक क्षेत्र में लाभ मिलेगा. छोटी यात्रा के योग बनेंगे. कोर्ट-कचहरी के कार्यों में सफलता मिलेगी. नौकरी से लाभ रहेगा. निवास स्थान में बदलाव होगा. ट्रांसपोर्ट, टुरिज्म, कम्यूनिकेशन, पब्लिकेशन के व्यवसाय में नए बदलाव कर सकेंगे. 31-05-2013 से गुरु मिथुन राशि में भ्रमण करेगा. इससे नया घर, दुकान या वाहन लेने के योग हैं. दलाली- कमीशन का व्यवसाय लाभदायक होगा. यात्रा लाभदायी रहेगी. महत्वाकांक्षा बढ़ेगी. वर्षारंभ में शनि अष्टम स्थान में तुला राशि में वर्षान्त तक रहेगा. 24-12-2012 से राहु भी अष्टम स्थान में और केतु कुटुंब स्थान में आएगा. यह आपको अधिक परिश्रम करवाएगा. शत्रुओं से परेशानी होगी. प्रतिष्ठा में कमी आएगी. नौकरी में परेशानी आएगी. मानहानि हो सकती है. संतान के बारे में चिंता रहेगी. पत्नी का स्वास्थ्य बिगड़ेगा. आय से अधिक खर्च रहेग

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