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शनि पुष्य

शनि पुष्य


इस बार २६ मई २०१२ दिन शनिवार को शनि व पुष्य नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है | जो की अद्भुत होने के साथ साथ कल्याणकारी भी है | पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों के राजा होने का दर्जा प्राप्त है और पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि देव हैं |  जब भी शनि-पुष्य का संयोग बनता है, तब व अद्भुत और कल्याण करने वाला होता है | इस बार की तारीख का टोटल भी २ + ६ = ८ (आठ) आ रहा है जो की शनि का नंबर है | इस वजह से यह संयोग की शुभता और बढ़ गयी है |

 

पुष्य नक्षत्र

देव गुरु बृ्हस्पति को पुष्य नक्षत्र का अधिष्ठाता देवता माना गया है. किसी भी नक्षत्र पर उसके देवता का प्रभाव नक्षत्रपति की तुलना में अधिक होता है. इसलिए पुष्य नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है परन्तु नक्षत्र का ग्रह बृ्हस्पति होने से इस नक्षत्र में गुरु के गुण अधिक दिखाई देते हैं. पुष्य नक्षत्र का व्यवहार प्राचीन ऋषियों ने नारी जैसा शांत, गंभीर व सत्यनिष्ठ माना है. इस नक्षत्र की जाति क्षत्रिय जाति है. पुष्य नक्षत्र का संबंध राजनीति व सत्ता सुख से होने के कारण, इसे क्षत्रिय जाति माना गया है. देवगुरु बृ्हस्पति राजनीति व कूटनीति के आचार्य हैं इसलिए पुष्य नक्षत्र का क्षत्रिय होना सही है.|

साढ़ेसाती और ढैय्या में फायदेमंद

शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है। शनि एक क्रूर ग्रह है, साढ़ेसाती और ढैय्या में प्रभावित व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष शनि पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है। यह शनि की कृपा दिलाने वाला योग है। इस दिन शनि के निमित्त दान-पुण्य और धर्म-कर्म करने से विशेष लाभ मिलेगा।


क्या करें  ---

  • शनि की कृपा प्राप्ति के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है, आज के दिन किया गया कोई भी दान- पुण्य-अनुष्ठान या जाप शीघ्र फलदायी होता है |
  • आज शनि मंदिर अवश्य जाएँ और यथाशक्ति पूजन, उपासना और हवन करें |
  • आज के दिन शनि के रत्न नीलम, नीली, लाजवर्त, काले घोड़े की नाल या शनि यन्त्र स्थापित करने का विशेष योग है |
  • गरीब की सेवा करें | भोजन कराएं, दवा दान दें और वस्त्र दान करें |
  • शनि पुष्य योग वाले दिन स्थायी संपत्ति भी खरीदी जा सकती है, सभी राशि वाले कुछ भी खरीद सकते है |
  • आज के दिन संकल्प ले सकते है की आजीवन शनिवार को तामसिक (मांस-मदिरा ) वस्तुओं का सेवन नहीं करूँगा |
  • आज के दिन से ही शनिवार का व्रत प्रारंभ किया जा सकता है |

क्या ना करें--

  • शनि की कृपा प्राप्ति के लिए यह सब बिलकुल भी ना करें - माता- पिता का अपमान |
  • मांस-मदिरा का सेवन |
  • गरीब व विकलांग का उपहास |
  • अपने को सबसे बड़ा समझने की भूल |
  • अहंकार |
  • किसी का हक़ लेना |

 

आज के दिन से सकल्प लें, दुनिया को बुरा भला कहने की जगह हम स्वयं को बदलने की कोशिश करेंगे और हम को इस कार्य की शक्ति शनि देव प्रदान करें |


शुभम भूयात
अमित बहोरे





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