श्राद्ध में क्या क्या करें ..?
श्राद्धपक्ष में क्या क्या करें ..?
श्राद्ध की साधारणत: दो प्रक्रियाएं हैं
ब्राह्मण के मुख से देवता हव्य को तथा पितर कव्य को खाते हैं ।
पितर स्मरण मात्र से ही श्राद्ध प्रदेश में आते हैं तथा भोजनादि प्राप्त कर तृप्त होते हैं ।
एक से अधिक पुत्र हों और वे अलग-अलग रहते हो तो उन सभी को श्राद्ध करना चाहिए।
ब्राह्मण भोजन के साथ
पंचबलि कर्म भी होता है, जिसका विशेष महत्व है।
* संकल्प लेकर ब्राह्मण भोजन कराएं या सीधा इत्यादि दें।
श्राद्ध करने का आदर्श समय मध्याह्न 11.30 से 12.30 तक है जिसे 'कुतप बेला' कहा जाता है। इसका बड़ा महत्व है।
ब्राह्मण भोजन
पंचबलि