शनि अमावस्या (Shani-Amavas )
- 20 November 2018
शनि के नाम से लोग थर-थर कांपने लगते हैं, जबकि शनि देव को ज्योतिष में न्यायधीश का दर्जा मिला हुआ हैं |
शनि का फल आपके कर्मों के अनुसार ही आता है | शनि तुलाराशि में उच्च का फल देते हैं और मेषराशि में नीच का फल देते हैं | शनि की साढ़ेसाती, ढैया और दशा जातक को अलग अलग फल देती हैं | शनि से दुःख-तकलीफ, धन, गहन सोच, लड़ाई करने वाला, अकेले पन पर विचार किया जाता है |
शनि के प्रतिकूल होने पर
[] शनि स्त्रोत का पाठ करें |
[] शनि के वैदिक मन्त्रों का 23000 अथवा बीज मन्त्रों का 92000 जाप योग्य पुरोहितों से करवाएं और हवन करें | [] जूते, चप्पल, लोहे, तेल आदि का दान करें। [] शनिवार का व्रत करें एवं रात्रि में भोजन करें। [] हनुमान चालीसा अथवा सुन्दर काण्ड का पाठ करें। [] नित्य हनुमानजी के दर्शन कर कार्य प्रारम्भ करें।
[] शनिवार को पीपल के नीचे दीपक जलाएं और सात परिक्रमा करें | [] छाया दान करें |
नोट : आपका कौन सा ग्रह उचित फल नहीं दे रहा उसको किसी योग्य ज्योतिष के विद्वान से सलाह ले कर ही उपाय करें |
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