मकर 2013
- 31 December 2012
सामान्यतः दीपावली पूजन का अर्थ लक्ष्मी पूजा से लगाया जाता है, परन्तु इसके अंतर्गत कलश-वरुण, नवग्रह, षोडसमातृका, श्रीगणेश, महालक्ष्मी, महाकाली, महासरस्वती, कुबेर, तुला, बहीखाता व दीपावली की पूजा भी होती है | दीपावली हर वर्ष कार्तिक मास में कृष्णपक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है |
लक्ष्मी - गणेश की मूर्तियां सोने अथवा चांदी का सिक्का मूर्तियों को पहनाने के वस्त्र मूर्तियों को स्नान के बाद पोछने के लिए साफ़ कपडा एक बड़ी और दो छोटी चौकी बही खाता अथवा डायरी और कलम तीन थालियां धूपबत्ती मिट्टी के बड़े व छोटे दीपक रुई अथवा रुई की बत्ती माचिस सरसों का तेल शुद्ध घी मधु (शहद ) गंगा जल पंचामृत (दूध, दही,घी, शहद व शक्कर (खांड) का मिश्रण ) हल्दी पाउडर चूना पाउडर रोली चन्दन कलावा आधा किलो के लगभग साबुत चावल कलश दो मीटर सफ़ेद कपडा दो मीटर लाल कपडा कर्पूर नारीयल गोला मेवा फूल - माला दुर्बा पान के पत्ते आम के पत्ते पीपल के पत्ते अशोक के पत्ते सुपारी बताशे खांड के खिलौने मिठाई फल (सरीफा जरूर लें) सूखा मेवा खील-लावा लौंग-इलायची केसर सिंदूर कुमकुम गिलास-चम्मच=प्लेट-कटोरी मुख्य द्वार पर टांगने के लिए बन्दनवार
बड़ी चौकी पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति इस प्रकार रखें की मूर्ति का मुख पूर्व अथवा पश्चिम दिशा की ओर रहे | माता लक्ष्मी गणेश जी की दाहिनी ओर रहे |(फोटो देखें no. 1 /2) कलश में गंगा जल अथवा शुद्ध जल भर कर उसकी स्थापना लक्ष्मी जी के पास चावल की ढेरी पर करनी है | नारियल को लाल कपङे में इस प्रकार लपेटें कि नारियल का अग्र भाग दिखता रहे इस नारियल को कलश पर रखें (कलश वरुण का प्रतीक होता है |(फोटो देखें no .5) अब दो बड़े दीपक रखें एक घी का दीपक और एक तेल का दीपक, दोनों दीपक में से एक माता लक्ष्मी के चरणो के पास और दूसरा गणेश जी के चरणो के पास |(फोटो देखें no. 3 /4) कलश के पास चौकी पर लाल कपडा बिछा कर उस पर नौ ढेरी नव ग्रहों के निमित्य बनाएं | (फोटो देखें no .6) गणेश जी की ओर चौकी पर लाल कपडा बिछा कर उस पर सोलह चावल की ढेरी षोडसमातृका के निमित्य बनाइये | (फोटो देखें no 8.) नवग्रह और षोडसमातृका के बीच एक बड़ा सा स्वस्तिक बनाइये ((फोटो देखें no 7) स्वस्तिक के बीच में एक सुपारी रखें और चारों कोने में चावल की ढेरी बनाइये पूजन उपरांत इन ढेरी पर एक एक दीपक जलाना है | अब एक चौकी पर या लाल वस्त्र बिछा कर बहीखाता, डायरी, पेन अथवा यदि आप अपनी कमाई कप्यूटर द्वारा करते हैं तो लैपटॉप भी रख सकते हैं ((फोटो देखें no 9 /10 ) कुछ लोग तुला अर्थात तराजू का भी पूजन करते हैं वो भी तुला को यहीं रखें | (फोटो देखें no 11 /12 /13 ) पूजन की तीन थालियां पहली थाली में ग्यारह / इक्कीस / इक्यावन दिए (जैसा आपके घर का रिवाज है ) लगाएं | दूसरी थाली में खील-लावा, बताशा, खांड के खिलौने,, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिंदूर, सुपारी, लौंग-इलायची, पान रखें | तीसरी थाली में फल, दूर्वा, चावल, धूप, अगरबत्ती , केसर, कर्पूर, सुगन्धित इत्र , एक दीपक रखें |
आपके यानि जो मुख्य रूप से पूजन करेगा उसके बैठने के लिए लाल आसान बिछाएं ((फोटो देखें no 14 .) और परिवार के अन्य सदस्य भी लाल आसान अथवा लाल चादर या कम्बल पर बैठें (फोटो देखें no 15 )