शनि राहु का दुर्लभ संयोग ....
- 23 December 2012
प्रश्न :- स्नान घर और शौचालय किन दिशाओं में नहीं होना चाहिए ?
यदि गलत दिशा में बने हैं तो वास्तु दोष निवारण हेतु क्या करना चाहिए ?
उत्तर :- नियम से स्नानघर और शौचालय अलग अलग होना चाहिए, परन्तु वर्तमान परिदृश्य में यह संभव नहीं है तो लोग एक साथ ही स्नान घर और शौचालय बनवाते हैं | शौचालय किसी भी मुख्य कोण पर नहीं होना चाहिए (कोण से आशय ईशान, आग्नेय, नैऋत्य या वायव्य ) | शौचालय के लिए उपयुक्त स्थान दक्षिण और पश्चिम है | जिसमें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए की शौच करते समय आपका मुख उत्तर अथवा दक्षिण दिशा की ओर रहे |
यदि आपका शौचालय गलत दिशा में बना है तो उसका प्रयोग बंद करे दें और जो सही दिशा में बना है उसका प्रयोग करें | यदि ये भी संभव नहीं है तो कांच के BOWL में पिसा हुआ नमक शौचालय में किसी ऊँचे स्थान पर रख दें और हर सप्ताह नमक को घर के बाहर फेंक दें और नया नमक रख दें | ऐसा करने से उस स्थान के दोष में कमी आती है |
अमित बहोरे