Aquarius (कुम्भ) 2017
- 18 December 2016
सिंहस्थ गुरु होने पर होता है महाकुंभ का आयोजन
उज्जैन में लगने वाले कुम्भ मेले को सिंहस्थ के नाम से जाना जाता है। जब मेष राशि में सूर्य और सिंह राशि में गुरु आ जाता है तब उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन किया जाता है।
उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व के सन्दर्भ में सिंहस्थ माहात्म्य में इस प्रकार का प्रमाण में मिलता है
कुशस्थली तीर्थवरम देवानामपिदुर्लभम | माधवे धवले पक्षे सिंहे जीवेत्वजे रवौ|| तुला राशौ निशानाथे स्वतिभे पूर्णिमातीथो व्यतिपाते तु संप्राप्ते चंद्रवासरसमयुते| एतेन दश महायोगा: स्नानामुक्ति : फलप्रदा ||
१) अवन्तिका नगरी २) वैशाख मास ३) शुक्ल पक्ष ४) सिंह राशि में गुरु ५) सूर्य मेष राशि में ६) तुला राशि में चंद्र ७)स्वाति नक्षत्र, ८) पूर्णिमा तिथि ९)व्यातिपात १०) सोमवार आदि ये दस पुण्य-प्रद योग होने पर क्षिप्रा नदी में सिंहस्थ पर्व में स्नान करने पर मोक्ष प्राप्ति होती है|
ग्रहों की स्थिति ज्योतिष के मान से इनमे से अधिंकांश योग तो प्रति वर्ष प्राप्त हो जाते है, परन्तु सिंह पर बृहस्पति १२ वर्ष में ही आते….
संह्त्रम कार्तिके स्नानं माघे स्नानं शतानि च वैशाखे नर्मदा कोटि: कुम्भ स्नानेन तत्फलं || अश्वमेघ सहस्त्राणि , वाजपेय शातानिच | लक्षम प्रदक्षिणा भूमया: कुम्भ स्नानेनतत्फलं||
अर्थात हजारों स्नान कार्तिक में किये हो , सैकड़ों माघ मास में किये हो, करोड़ों बार नर्मदा के स्नान वैशाख में किये हो वह फल एक बार कुम्भ में स्नान करने से मिलता है | हजारों अश्वमेघ , सैकड़ों वाजपेय यज्ञ करने में तथा लाखों प्रदक्षिण पृथ्वी की करनेसे जो फल मिलता है, वह कुम्भ पर्व के स्नान मात्र से मिलता है |