अक्षय तृतीया
- 23 April 2012
अष्टगंध
कर्मकांड और यन्त्र लेखन में अष्टगंध के प्रयोग हर जगह मिलता है, परन्तु बहुत कम लोग ही जानते है अष्टगंध किसे कहते है ?
यह कितने प्रकार की होती है ?
कौन सी अष्टगंध को कहाँ प्रयोग करना है ?
सामान्यतः अष्टगंध के तीन प्रचलित प्रकार होते हैं
शारदा तिलक के अनुसार
चन्दनागुरुकर्पूरतमालजलकंकुमम् |
कुशीतं कुष्ठसंयुक्त शैव गंधाष्टकं विदुः ||
1. चन्दन
2. अगुरु
3. कर्पूर
4. तमाल
5. जल
6. कंकु
7. कुशीत
8. कुष्ट
उपरोक्त आठ पदार्थों को मिला कर जो अष्टगंध तैयार होता है, यह अष्टगंध शैव संप्रदाय (शिव पूजन ) वालों को ही प्रिय होता है |
<<< पीछे जाएँ राजोपचार पूजन |
आगे पढ़ें >>> अष्टगंध |
यह जानकारी आपको कैसी लगी ?
अवश्य बताएं........