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दीपक जलाएं

किसी भी पूजन में दीपक प्रज्वलित करने का विधान होता है, आइये जाने दीपक को जलाने के कुछ नियम

किसी भी शुद्ध मास में नियमित तौर से इसको प्रारंभ किया जा सकता है | सावन, कार्तिक और माघ मास में अथवा कभी भी किसी शुद्ध मुहूर्त से इसको प्रारंभ कर सकते हैं |

अगर हमें आर्थिक लाभ प्राप्त करना हो, तो नियम पूर्वक अपने घर के मंदिर अथवा किसी शिव मंदिर में शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। अगर हमे शत्रुओं से पीड़ा हो, तो सरसों के तेल का दीपक भैरवजी के सामने जलाना चाहिए। भगवान सूर्य की प्रसन्नता के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शनि ग्रह की प्रसन्नता के लिए तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। जीवनसाथी की आयु वृद्धि के लिए महुए के तेल का राहु-केतू ग्रह के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

किसी भी देवी या देवता की पूजा में शुद्ध गाय का घी या तिल के तेल का दीपक आवश्यक रूप से जलाना चाहिए। भगवान गणेश की कृपा प्राप्ति के लिए तीन बत्तियों वाला घी का दीपक जलाना चाहिए। भैरव साधना के लिए चौमुखा सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। मुकदमा जीतने के लिए पांच मुखी दीपक जलाना चाहिए। भगवान कार्तिक की प्रसन्नता के लिए भी पांच मुखी दीपक जलाना चाहिए।

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