Scorpio Health 2015
- 01 December 2014
हिन्दू नव-वर्ष या सनातन नव वर्ष या पृथ्वी अवतरण दिवस या चैत्र नवरात्री प्रारंभ नाम अलग अलग है पर इन सब में एक बात सामान है कि यह मानव के लिए एक अत्यंत शुभ दिवस है | प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिप्रदा वाले दिन हिन्दू नववर्ष को मनाया जाता है | प्रत्येक मानव को इस दिवस को मानना चाहिए क्योंकि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था | भारतीय काल गणना (ज्योतिषीय गणित ) के अनुसार इस बार 21-मार्च -2015 को हमारी सृष्टि का निर्माण हुए 1 अरब, 97 करोड़, 29 लाख, 49 हजार, 116 वां वर्ष होगा | हमारी वैदिक गणना के अनुसार इस सृष्टि पर मानव का अवतरण का यह 1 अरब, 95करोड़, 58 लाख, 85 हजार, 116 वां वर्ष होगा | कलियुग का आरम्भ हुए 5117 वां वर्ष और विक्रमी संवत 2072 होगा |
भारत देश में कई प्रदेशों में अलग अलग प्रकार की कालगणनाकी जाती है- युगाब्द (कलियुग का प्रारम्भ ), श्री कृष्ण संवत्, शक संवत् आदि है।
उपरोक्त सभी गणना हमारे वेदों के नेत्र ज्योतिष द्वारा संभव हो सकी है, आधुनिक वैज्ञानिक भी सृष्टि की उत्पत्ति का समय एक अरब वर्ष से अधिक बता रहे है और अधिक शोधों के बाद एक दिन वह इसी निष्कर्ष पर पहुचेंगे की वैदिक गणित ही प्रमाणिक और सत्य है |
इस बार संवत्सर का नाम " कीलक " इस वर्ष का राजा शनि होंगे और मंत्री का पद मंगल के पास रहेगा |
संवत्सर क्या होता है ? सर्वार्थ-सिद्धि-योग क्या होता है ?
21-मार्च-2015-प्रतिपदा - माँ शैलपुत्री पूजन
22-मार्च-2015- द्वितिया/ तृतीया - माँ ब्रह्मचारिणी पूजन / माँ चंद्रघंटा पूजन
23-मार्च-2015- चतुर्थी - माँ कुष्मांडा पूजन
24-मार्च-2015-पंचमी- माँ स्कंदमाता पूजन
25-मार्च-2015-षष्ठी- माँ कात्यायनी पूजन
26-मार्च-2015-सप्तमी- माँ कालरात्रि पूजन
27-मार्च-2015-अष्टमी- माँ महागौरी पूजन
28-मार्च-2015- नवमी - -माँ सिद्धिदात्री पूजन