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- 26 February 2011
महाशिवरात्रि का महत्त्व
ऐसे तो शिवरात्रि प्रत्येक मास पड़ती है परन्तु फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि पर्व के रूप में मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है इसी दिन देवों के देव महादेव का पूजन किया जाता है | माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान् शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं। इसीलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया।
माना जाता है जो भक्त शिवरात्रि को दिन-रात निराहार एवं जितेंद्रीय होकर अपनी पूर्ण शक्ति व सामर्थ्य द्वारा निश्चल भाव से शिवजी की यथोचित पूजा करता है, वह वर्ष पर्यंत शिव-पूजन करने का संपूर्ण फल मात्र शिवरात्रि व्रत करने से तत्काल प्राप्त हो जाता है |
इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था इसलिए शिवजी की बारात निकाली जाती है। इस दिन शिवभक्त, शिव मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर बेल-पत्र आदि चढ़ाते, पूजन करते, उपवास करते तथा रात्रि को जागरण करते हैं और हवन करते हैं ।
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