दीपावली पूजन की तैयारी
- 21 October 2018
[image_sliders] [image_slider link="http://www.amitbehorey.com/wp-content/uploads/2013/11/ketu_451_01.jpg" source="http://www.amitbehorey.com/wp-content/uploads/2013/11/ketu_451_01.jpg"] Description of Ketu केतु सौर ग्रह का सबसे विचित्र ग्रह है. तथा इसके क्रिया कलाप का आंकलन भी बहुत ही मुश्किल होता है. वैसे तों यह एक सामान्य नियम है कि राहू एवं केतु दोनों सदा ही वक्री या टेढ़ी गति से चलते है. विज्ञानं भी इसे सिद्ध कर चुका है. कारण यह है कि इन दोनों ग्रहों राहू एवं केतु का कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता है. [/image_slider] [image_slider link="http://www.amitbehorey.com/wp-content/uploads/2013/11/Bhagavad-Gita-Krishna-Inspirational-Quotes-Teachings-to-Arjuna-e1384231531418.jpg" source="http://www.amitbehorey.com/wp-content/uploads/2013/11/Bhagavad-Gita-Krishna-Inspirational-Quotes-Teachings-to-Arjuna-e1384231531418.jpg"] पौराणिक मतानुसार कहावत आती है कि समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने एक राक्षस को मार डाला था. किन्तु यह राक्षस अमृत पान कर चुका था. इसलिए यह मर नहीं सका. तथा इसके दोनों हिस्से जीवित ही रह गये. यह कथा श्वेत वाराह कल्प क़ी है. किन्तु जब अभी कृष्ण वाराह कल्प अग्रसर था तब सूर्य पुत्र शनि ने जो स्वयं छाया के गर्भ से जन्म लिये थे, अपनी माता छाया क़ी सखी निशा क़ी पुत्री सिंहिका से विवाह किये. सिंहिका से जो दो जुड़वां पुत्र हुए वे आभाषी कहलाये. आभाषी को ही दूसरे शब्दों में छाया कहते है. [/image_slider] [image_slider link="http://www.amitbehorey.com/wp-content/uploads/2011/06/ketu-e1384231795588.jpg" source="http://www.amitbehorey.com/wp-content/uploads/2011/06/ketu-e1384231795588.jpg"] केतु के लिए : समय रात्रिकाल भगवान गणेशजी की पूजा करें। गणेश के द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करें। केतु के मूल मंत्र का रात्रि में 40 दिन में 18,000 बार जप करें। मंत्र : 'ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:'। दान-द्रव्य : लहसुनिया, सोना, लोहा, तिल, सप्त धान्य, तेल, धूमिल, कपड़ा, फूल, नारियल, कंबल, बकरा, शस्त्र। बृहस्पतिवार व्रत एवं गणेशजी की पूजा करें। 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। [/image_slider] [/image_sliders]