शिव - एक परिचय
- 23 June 2012
महाशिवरात्रि
24-फरवरी-2017
ऐसे तो शिवरात्रि प्रत्येक मास पड़ती है परन्तु फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि पर्व के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है इसी दिन देवों के देव महादेव का पूजन किया जाता है |
माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान् शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं। इसीलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया। महादेव प्रेतों व पिशाचों से घिरे रहते हैं। उनका रूप बड़ा अजीब है, शरीर पर मसानों की भस्म, गले में सर्पों का हार, कंठ में विष, जटाओं में जगत-तारिणी पावन गंगा तथा चन्द्रमा को धारण किये हुए । बैल को वाहन के रूप में स्वीकार करने वाले शिव देखने में क्रूर रूप होने पर भी भक्तों के लिए अत्यंत सौम्य रहते हैं और श्री-संपत्ति समेत समस्त उत्तम फल प्रदान करते हैं। इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था इसलिए शिवजी की बारात निकाली जाती है।
इस दिन शिवभक्त, शिव मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर बेल-पत्र आदि चढ़ाते, पूजन करते, उपवास करते तथा रात्रि को जागरण करते हैं और हवन करते हैं ।
इस दिन क्या करें -
महाशिवरात्रि वाले दिन सभी को उपवास रखना चाहिए, शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद व खांड अर्पित करें, तत्पश्चात बेलपत्र, भांग-धतुरा व पुष्प अर्पित करें | रात्रि जागरण करें व रात भर शिव पुराण का पाठ करें और भोर में हवन कर के उपवास पूर्ण करें |
शिव जी को क्या है पसंद -
शिव का एक नाम भोले नाथ भी है वो इसलिए पड़ा क्योंकि वो बहुत भोले हैं उनको छप्पन भोग नहीं चाहिए उनको केवल सच्ची भक्ति चाहिए और उनको चढ़ाये जाने वाली वस्तुएं बड़ी सुलभ है पर भोले नाथ को अत्यंत पसंद हैं - बेलपत्र, भांग-धतुरा, आक का फूल, सरसों का फूल, कमल पुष्प, तुलसी मंजरी, दुर्बा, भस्म, रुद्राक्ष और गंगा जल इतनी सामग्री को यदि आप सिर्फ शुद्ध मनोभाव से "ॐ नमः शिवाय " के मानसिक जाप के साथ शिव जी पर चढ़ाएंगे तो आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी |
शिवरात्रि के दिन शिव मंदिर जाएँ और यथाशक्ति पूजन करें, रुद्राभिषेक करें, शिव पुराण का पाठ करें, शिव मन्त्रों का जाप करें, यदि संभव हो तो किसी ज्योतिर्लिंग दर्शन करें |
१२ ज्योतिर्लिंगों का राशियों से जुडाव
ज्योतिष में १२ राशियों का जुडाव १२ ज्योतिर्लिंगों से है, आप अपनी राशि अनुसार जानिये कि किस ज्योतिर्लिंग का जुडाव किस चन्द्र राशि से है -
मेष राशि का संबंध श्रीसोमनाथ ज्योतिर्लिंग से है | वृष राशि का संबंध श्रीशैल ज्योतिर्लिंग से है | मिथुन राशि का संबंध श्रीमहाकाल ज्योतिर्लिंग से है | कर्क राशि का संबंध श्रीऊँकारेश्वर अथवा अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग से है | सिंह राशि का संबंध श्रीवैद्यनाथधाम ज्योतिर्लिंग से है | कन्या राशि का संबंध श्रीभीमशंकर ज्योतिर्लिंग से है | तुला राशि का संबंध श्रीरामेश्वर ज्योतिर्लिंग से है | वृश्चिक राशि का संबंध श्रीनागेश्वर ज्योतिर्लिंग से है | धनु राशि का संबंध श्रीविश्वनाथ ज्योतिर्लिंग से जोडा़ गया है| मकर राशि का संबंध श्रीत्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग से जोडा़ गया है | कुम्भ राशि का संबंध श्रीकेदारनाथधाम से जोडा़ गया है | मीन राशि का संबंध श्रीघुश्मेश्वर अथवा श्रीगिरीश्नेश्वर ज्योतिर्लिंग से है |