RakshaBandhan 2022
- 06 August 2022
हिन्दू धर्म में इतनी देवियाँ क्यों है ?
हिन्दू धर्म में देविओं को तीन श्रेणीओं में विभक्त किया गया है -
१) नवदुर्गा = 9
२) सप्त मातृका = 7
३) दश महाविद्या = 10
अर्थात कुल मिला कर 26 देवियाँ हुई ! प्रत्येक देवी की अपनी अपनी विशिष्ठता , गुण, कार्य और फल देने की शक्ति है ! महादेवी में से ही सभी देवियों का प्रादुर्भाव हुआ है, प्रत्येक देवी में माता का रूप निहित है , इसलिए उनके नाम के आगे माता या माँ शब्द जोड़े जाते है ! ये सभी देवियाँ शक्ति का प्रतीक है, इसीलिए माता के स्थान को शक्तिपीठ कहा जाता है ! देवियों का सौम्य रूप भी है और उग्र रूप भी, इसलिए उनके नाम भी उनके अनुरूप हैं ! भारत के समस्त राज्यों मे किसी न किसी देवी का मंदिर अवश्य मिलेगा !
महादेवी
१) पार्वती
२) लक्ष्मी
३) सरस्वती
नवदुर्गा
१) शैल पुत्री
२) ब्रह्मचारिणी
३) चंद्रघंटा
४) कुष्मांडा
५) स्कंदमाता
६) कात्यायनी
७) कालरात्रि
८) महागौरी
९) सिद्धिदात्री
सप्त मातृका
१) ब्रहमाणी
२) महेश्वरी
३) कौमारी
४) वैष्णवी
५) वाराही
६) इन्द्राणी
७) चामुंडा
दश महाविद्या
१) काली
२) तारा
३) छिन्नमस्ता
४) भुवनेश्वरी
५) बगलामुखी
६) धूमावती
७) कमला
८) मातंगी
९) षोडशी
१०) भैरवी
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