"ॐ " ब्रहमांड की आवाज
- 28 January 2015
प्रेत बाधा से बचने का सरल उपाय
अक्सर देखा गया है कि कोई महिला या पुरुष प्रेत बाधा से पीड़ित है, सुनने में ये बड़ा अजीब सा लगता है परन्तु जो इससे पीड़ित होता है या जिसके घर में इस तरह के रोगी होते हैं वो मेरी बात को अच्छी तरह समझ पाएंगे | मैं इससे बचने का तरीका बताने जा रहा हूँ उससे पहले जानें ऐसा होता कैसे है ?
प्रेत बाधा दो प्रकार की अधिकतर देखी जाती है |
1) रास्ते चलते प्रेत खुद आकर्षित हो कर रोगी से साथ रहने लगा - इसमें लड़का या लड़की किसी सुनसान जगह (कब्रिस्तान के आस-पास ) से गुजरा वहां प्रेत से सामना हुआ और प्रेत उस लड़के या लड़की के आकर्षण में उसके साथ आ गया | इसमें कुछ समय बाद प्रेत की शक्ति कम होती जाती है
2) किसी के द्वारा तांत्रिक से मिल कर प्रेत बाधा देना - किसी शत्रु द्वारा अथवा जलन वश किसी परिवार के लोगों द्वारा किसी तांत्रिक से मिल कर प्रेत बाधा देना ये एक खतरनाक प्रक्रिया है इसमें समय के साथ प्रेत ताकतवर होता जाता है क्योंकि उसको तांत्रिक शक्तियां देता रहता है |
उपाय
उपाय अमावस्या से आरम्भ हो कर पूर्णिमा तक चलेगा |
तीन लौंग (फूल वाली ) लेनी है,उसके फूल को सरसों के तेल में लगा कर रोगी को बिठा कर 7 बार एंटी क्लॉक वाइज (उल्टी तरफ) घुमा कर घर से बाहर से जा कर पीपल के नीचे कपूर के माध्यम से जला दें और उसकी राख को घर ले जा कर रोगी के माथे, गले, छाती और नाभि पर लगा दें | रोज ये प्रक्रिया करनी है आरम्भ अमावस्या से करना है और इस क्रिया का अंत पूर्णिमा के दिन होगा |
प्रेत बाधा से पीड़ित रोगियों को मेहंदीपुर बाला जी का दर्शन करवाने से भी गजब लाभ होता है |