15 जून, बुधवार को खग्रास चंद्रग्रहण है। 15 जून की रात 11 बजकर 53 मिनट से प्रारंभ होगा तथा 3 बजकर 33 मिनट पर इसका मोक्ष होगा। ग्रहण का काल 3 घंटे 40 मिनट रहेगा। भारत में दिखाई देने के कारण इसका व्यापक असर देश तथा नागरिकों पर पड़ेगा। राशि के अनुसार यह ग्रहण किस पर क्या प्रभाव डालेगा। उसकी जानकारी इस प्रकार है ग्रहण का सूतक काल 15 जून दोपहर को 2 बजकर 52 मिनिट से प्रारंभ हो जाएगा। यह ग्रहण ज्येष्ठा नक्षत्र चतुर्थ चरण पर वृश्चिक राशि में जब चंद्रमा होंगे तब शुरु होगा तथा इसका मोक्ष मूल नक्षत्र के प्रथम चरण में धनु राशि के चंद्रमा में होगा। अत: वृश्चिक एवं धनु राशि वाले जातक इस ग्रहण को न देखें तो बेहतर रहेगा !
मेष- यह ग्रहण मध्यम फल देने वाला होगा। समय सामान्य रूप से बीतेगा। जीवन साथी का विशेष ख्याल रखें , कार्य विलंब से किंतु संपन्न होंगे।
वृषभ- यह ग्रहण अशुभ फल देने वाला होगा। वाहन प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद हो सकते हैं। परन्तु शनि का मार्गी होना ग्रहण की अशुभता को कम कर रहा है !
मिथुन- मध्यम फल प्राप्त होंगे। धन की प्राप्ति में विलंब होगा। सामान्य वस्तुओं के लिए परेशान होना पड़ेगा। विवेक न खोएं, आगे एक अच्छा समय आपका इंतज़ार कर रहा है!
कर्क- क्योंकि ये चन्द्र ग्रहण चन्द्र की नीच राशि में पद रहा है इस लिए कर्क राशि के जातकों के लिए यह चंद्रगहण शुभदायक होगा। धन की प्राप्ति होगी।
सिंह- चंद्रग्रहण मध्यम फल देने वाला होगा। जीविका के क्षेत्र में किया जा रहा प्रयास रंग लाएगा । शनि का मार्गी होना आपको लाभ पहुचायेगा!
कन्या- सावधान रहने की आवश्यकता है। धोखा हो सकता है। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें !
तुला- मांगलिक कार्य संपन्न होंगे। शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। ग्रहण धन लाभ करा सकता है !
वृश्चिक- सबसे जायदा परेशानी इसी राश i पर है क्योंकि ग्रहण की शुरुआत इसी राशि पर है ! संभलकर रहने की आवश्यकता है। चोरी का भय है। स्वास्थ का विशेष ध्यान रखें !
धनु- मिला जुला समय है ,अज्ञात भय से चिंता रहेगी। धन का नुकसान हो सकता है। जोश मे होश न खोएं !
मकर- कार्य स्थल पर विवाद हो सकता है। नौकरों से परेशानी होगी।संतान को परेशानी का योग है!
कुंभ- बहुत शुभ है, संतान से शुभ समाचार प्राप्त होगा। धन की प्राप्ति होगी।
मीन- सुभ फल मिलेंगे , अटके धन की प्राप्ति होगी। सम्मान प्राप्त होगा। व्यापार में प्रगति होगी।
ग्रहण काल में प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर का जप, तप करना चाहिए अपने इष्टदेव का ध्यान, गुरु मंत्र का जाप, धार्मिक कथाओं का श्रवण एवं मनन करना चाहिए। इनमें से कुछ न कर पाने की स्थिति में राम नाम का या ॐ नमः शिवाय का जप भी कर सकते हैं। इस दौरान भगवान की मूर्ति को छूना, भोजन पकाना या खाना एवं पीना, सोना, मनोरंजन या कामुकता का त्याग करना चाहिए। भोजन व पानी में दुर्वा या तुलसीदल डाल कर रखें तो बेहतर रहेगा। ग्रहण के पश्चात पूरे घर की शुद्धि एवं स्नान कर दान देने का महत्व है। गर्भवती महिलायों को ग्रहण काल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए ग्रहण से पहले अपने नाभि पर गौ का गोबर लगा लेना चाहिए, ग्रहण काल में सोना, कुछ भी काटना या सिलना मना होता है और गर्भवती महिलाओं को ग्रहण तो बिलकुल भी नहीं देखना चाहिए !
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