दुर्लभ बजरंग बाण अर्थ सहित
- 17 July 2022
8 जून 2013 को पड़ने वाली शनि जयंती इस बार दो दुर्लभ संयोगों के साथ आ रही है ...
पहला - शनि जयंती इस बार शनिवार के ही दिन पड़ रही है |
दूसरा - शनि जयंती इस बार 8 तारीख को पड़ रही है और 8 नंबर शनि का नंबर है |
शनि जयंती हर बार ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर पड़ती है यही वह तिथि है जिस पर शनि देव का जन्म सूर्य देव के घर पर हुआ था, परन्तु इस बार दो दुर्लभ संयोगों के जुड़ जाने से इस दिन का महत्त्व कई गुना बढ़ गया है | शनि ग्रह से पीड़ित जातक इस दिन का प्रयोग कर के अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं |
आइये जाने कौन है शनि देव और कैसे होंगे शनि देव प्रसन्न....
इस शनि अमावस्या का फायदा सभी को उठाना चाहिए, चाहे वो शनि के प्रभाव में हो या ना हो, क्योंकि सभी व्यक्ति को अपने जीवन काल में तीन बार साढ़े साती के प्रभाव में आना होता है | शनि के दशा अंतर्दशा में भी ये उपाय किये जा सकते है | इस दिन से ये उपाय शुरू किये जा सकते हैं |
सभी के करने वाले उपाय
साढ़े-साती, ढैया, शनि महादशा या अंतर्दशा वाले यह उपाय करें
वैदिक मंत्र :
ऊँ शनों देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोभिरत्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
पौराणिक मंत्र :
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
अन्य मंत्र
ऊँ शं शनैश्चराय नम:।।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: ।।
शनि शत्रु नहीं है मित्र है, परन्तु सिर्फ उन्ही का जो इंसानियत का मतलब जानते है......
हम भी शनि का पूर्ण लाभ पा सकते है यदि हम सामाजिकता की परिभाषा समझें और इंसानियत को शर्मिंदा ना होने दें |
शनि देव जैसे को तैसा देते है यदि आप अच्छा चाह्ते है तो आप को अच्छा बनना पढेगा, और कोई विकल्प नहि है .......