स्वास्तिक का धार्मिक महत्त्व
- 23 May 2016
कोरोना का नाम सुनते ही अजीब सा भय व्याप्त हो जाता है, इस महामारी ने सम्पूर्ण विश्व के हर इन्सान को किसी ना किसी तरह से नुकसान पहुँचाया है | व्यापार हो या नौकरी सभी इससे प्रभावित हुई हैं |
ज्योतिष दृष्टि से कब होगा इसका अंत
ज्योतिष के अनुसार दो बड़ी घटनाओं ने कोरोना को जन्म दिया पहली घटना घटी 4 मार्च 2019 को जब राहु ने मिथुन राशि में प्रवेश किया | राहु महामारी और गुप्त व् रहस्यमय घटना का मालिक पहुंचा मिथुन राशि में जो की श्वसन तंत्र (respiratory system) की राशि है | यहाँ से ही इस बीमारी ने अपना जाल फैलाना शुरू किया | क्योंकि राहु के कारण यह बीमारी पहले तो रहस्यमयी रही साथ ही इसकी सूचना भी गुप्त रही | चीन ने इस बीमारी में बारे में पूर्ण जानकारी नहीं दी, जब वहां विस्फोटक स्थिति बनी तब उसने सम्पूर्ण विश्व को बताया |
ज्योतिष गणना के अनुसार 4 मार्च 2019 से इस बीमारी की धीमे धीमे शुरुआत हो गयी थी, 26 दिसम्बर 2019 को हुआ सूर्यग्रहण जो की धनु राशि में पड़ा था और उस समय धनु राशि में सूर्य के साथ साथ गुरु, शनि, चन्द्र और केतु मौजूद थे और मिथुन में बैठ कर राहू इसको पूर्ण दृष्टि से देख रहा था इस योग से कोरोना नामक बीमारी एक महामारी के रूप में रौद्रता के साथ पुरे विश्व में फैलती चली गयी | 5 मई 2020 को मंगल के कुम्भ राशि में प्रवेश के बाद से कोरोना के मरीज की स्वस्थ होने की संख्या में वृद्धि हुई | 21 जून 2020 के सूर्यग्रहण के बाद से कोरोना की मारक क्षमता में कमी आएगी और कोरोना मरीज के स्वस्थ होने की संख्या निरंतर तेजी से बढती जाएगी, परन्तु पूर्ण रूप से कोरोना से भय की समाप्ति 23 सितम्बर 2020 के बाद ही होगी जब राहु मिथुन राशि को छोड़ कर वृषभ राशि में प्रवेश करेगा |
तो आप सभी लोगों से अनुरोध है कि कोरोना से डरोना, अपनी जीवन शैली को बदलने का प्रयास करें | योग, प्राणायाम की आदत डालें, फास्ट फ़ूड कल्चर से बाहर आ कर भारतीय भोजन का सेवन करें | इम्यून सिस्टम को बढाने के तरीकों पर ध्यान दें | प्रकृति का संरक्षण करें |
अमित बहोरे