Aquarius Education 2015
- 01 December 2014
मांगलिक दोष -
ज्योतिष में मांगलिक दोष की धारणा कब आरम्भ हुई, इस संबंद में निश्चित तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता, परन्तु महर्षि पराशर, जैमिनी, वाराहमिहिर, बैद्यनाथ आदि ने इस विषय को ज्यादा तूल नहीं दिया | कुछ ज्योतिषी लेखकों ने मांगलिक दोष का डर (हौआ) खड़ा कर दिया | उनके अनुसार
लग्ने व्यये च पाताले जामित्रे चाष्टमे कुजे। स्त्रीणां भर्तु विनाशः स्यात् पुंसां भार्या विनश्यति॥
अर्थात लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भावों में मंगल हो तो कन्या अपने पति का विनाश करती है और दूल्हा अपनी पत्नी का नाश कर देता है |
जनसामान्य की यही धारणा हो गयी है कि यदि मांगलिक लडके से लड़की से हमारी बेटी की शादी हुई तो बेटी मर जायेगी या मांगलिक बहु लाओगे तो अपने लडके से हाथ धो बैठोगे |