NavDurga
- 19 September 2014
चैत्र नवरात्रि और संवत्सर का आरम्भ इस बार 13 अप्रैल 2021 को होगा | इस बार की प्रतिपदा तिथि 12 अप्रैल को प्रातः 8 बजे से लगेगा जोकि 13 अप्रैल की 10:16 तक रहेगा, क्योंकि 13 अप्रैल को सूर्योदय के समय प्रतिपदा तिथि रहेगी इस कारण से मंगलवार को ही कलश स्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा | इस बार नवरात्रि में किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है अर्थात नवरात्रि पूरे नौ दिनों की होगी | 21 अप्रैल को नवमी तिथि पर प्रभु राम का जन्मोत्सव राम नवमी स्वरुप में मनाई जाएगी |
कलश स्थापना मुहूर्त
13 अप्रैल 2021
प्रात: 5:42 से 9:56 तक
11:38 से 12:29 दोपहर तक (अभिजित मुहूर्त )
चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही विक्रमी सम्वत 2078 का प्रारंभ भी होगा | अश्विनी नक्षत्र का स्वामी मंगल के ही दिन पर इस बार “आनन्द” नामक संवत्सर का आरम्भ होगा | आनंद संवत्सर का राजा और मंत्री दोनों महत्वपूर्ण पदों पर मंगल का आधिपत्य रहेगा | वित्त मंत्री का दर्जा इस बार देवगुरु बृहस्पति के पास रहेगा | मंगल का राजा होना मंगल और दंगल दोनों को इंगित कर रहा है | भारत के लिए मंगल का राजा बनना अत्यंत शुभ फल प्रदान करेगा | भारत विश्व पटल पर अपने झंडे फहराएगा | भारतीय सेना का मनोबल काफी बढ़ा हुआ रहेगा, शत्रु मुहं की खायेगा | भारतीय वैज्ञानिकों अन्तराष्ट्रीय स्तर का कोई पुरुस्कार मिलने का भी योग है |
कोरोना का सेकंड वेव से भारत में फिर से हडकंप मच गया है, परन्तु घबराने की जरुरत नहीं है | 5 अप्रैल रात्रि 1:50 पर गुरु कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा जो कि 13 सितम्बर तक कुम्भ राशि में ही रहेगा, जिसके कारण कोरोना का प्रकोप धीरे धीरे कम होगा | 14 सितम्बर को देवगुरु बृहस्पति फिर से एक बार फिर अपनी नीच की राशि मकर में प्रवेश करेगा जिससे कुछ स्थानों पर कोरोना का प्रकोप फिर से दिखाई देगा |
20 नवम्बर 2021 की रात्रि में देवगुरु बृहस्पति अपनी नीच राशि में छोड़ कर शनि की राशि कुम्भ में प्रवेश कर लेंगे उसके बाद से कोरोना संकट पूरी तरह से समाप्ति की ओर चल देगा, तब तक सावधानी से रहे |