Transit 2015 (गोचर २०१५)
- 30 November 2014
अपने ऊपर पूर्ण नियंत्रण ही व्रत है - आचार्य अमित बहोरे
प्रभु राम सेवा संस्थान द्वारा आयोजित बजरंग बाण व धर्म चर्चा का इस रविवार को चौथा सप्ताह सम्पन्न हुआ इस कार्यक्रम में आज आचार्य अमित बहोरे द्वारा व्रत करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया हमारे धर्म में व्रत क्यों करना चाहिए कैसे करना चाहिए इसके पारण के नियम क्या होते है। उन्होंने व्रत के विषय में बताया कि व्रत में कायिक, वाचिक, मानसिक हर तरह के विचार शुद्धि की आवश्यकता, व्रत केवल भूखे रहने का नाम नहीं है। यदि आप व्रत/उपवास रख कर लोगों की निंदा करते हैं या हिंसा करते हैं तो व्रत खंडित हो जाता है | हिंसा चाहे शरीर से हो, मन से हो या वचन से अत: व्रत करने वाले को संयमित रहना चाहिए | बार बार फलाहार करना या बार बार पानी पीना भी व्रत में अच्छा नहीं है इससे भी व्रत खंडित माने जाते हैं | अपने ऊपर पूर्ण नियंत्रण ही व्रत है, सोशल मीडिया से दुरी भी व्रत के लिए लाभकारी है |
सामूहिक चर्चा में इस बार विभन्न मुद्दे लोगों ने अपने विचार रखे तथा धर्म के कार्यो में अपने संस्कारो में निरंतर आ रही गिरावट पर को एक गंभीर समस्या माना।
कार्यक्रम में सर्वश्री कुंवर जी टंडन, अमित सेठ, अजय मिश्रा, जगदीश प्रसाद केसरवानी, अमित कपूर, हरि राम टंडन, आशीष कुमार सिंह, घनश्याम लाल, महेंद्र कुमार मालवीय, बासु चौरसिया, अमोघ बहोरे, अनुज बहोरे, शोभा टंडन, कमलेश टंडन, लता जयसवाल, मधु टंडन, कविता मेहरोत्रा, रामा मेहरोत्रा, अंजलि मेहरोत्रा, किरण मेहरोत्रा, सुचिता चोपड़ा, रुचि विश्वकर्मा, वसुधा, करुणा, शाम्भवी आदि लोग उपस्थित रहें।