हिंदी में दशरथ कृत शनि स्तोत्र
- 17 April 2015
" कालसर्प योग " एक अत्यंत प्रभावशाली योग जो व्यक्ति विशेष के जीवन में प्रभाव अवश्य डालता है, प्रभाव अच्छा और बुरा दो प्रकार का होता है | अच्छा प्रभाव - काल सर्प योग यदि शांत है और अच्छा प्रभाव डाल रहा है तो कहने ही क्या ? जो व्यक्ति इस से प्रभावित होगा वो उचाईयों को छुएगा | बुरा प्रभाव - आलस से परिपूर्ण, बिना लक्ष्य के भागने वाला, हर काम में बाधा, धन की व्यर्थ हानि ये सब बुरे कालसर्प योग में होता है |
काल सर्प शांति के उपाय -
१) कालसर्प योग की विधिवत शांति करवाएं | (वैदिक पूजन द्वारा हमारी संस्थान पिछले कई सालों से सावन मास में कालसर्प शांति करवाती है, कोई भी संपर्क कर सकता है | )
२) प्रत्येक सोमवार को शिव जी को गौ के कच्चे दूध में दूर्वा डाल कर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र से चढ़ाएं |
३) इस स्तोत्र का नियमित पाठ करें - !! नवनाग स्तोत्र !! अनंतं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कंबलं । शंखपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा ।। एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम् । सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।। तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ।।
४) मछलियों को जीवन दान दें |
५) मांस- मदिरा का परहेज करें |
इन उपाय को अपना कर आप अपना कालसर्प योग अपने अनुकूल बना कर तरक्की की राह पर आ सकते हैं |