Navratri 'द्वितीय दिवस'
- 19 September 2014
शनि की साढ़ेसाती और ढईया का नाम आते ही सभी भयग्रस्त हो जाते हैं, सभी पूरी तरह से तनाव में आ जाते है कि अब उनका बुरा समय आ गया है |
आइये आज मैं आपको आज साढ़ेसाती के बारे में बताता हूँ
साढ़ेसाती में तीन ढईया होती है |
शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष रहते हैं |
आपकी राशि के बारहवें भाव में जब शनि आते है तब साढ़ेसाती प्रारंभ होती है |{पहली ढईया}
शनि जब आपकी राशि में आता है तो यह साढ़ेसाती का मध्य भाग होता है |{दूसरी ढईया }
शनि जब आपकी राशि के दुसरे भाव में आता है तो यह साढ़ेसाती का अंतिम भाग होता है |{तीसरी ढईया}
एक साढ़ेसाती समाप्त होने के बाद दूसरी साढ़ेसाती तीस वर्षों के बाद प्रारंभ होती है |
मानव जीवन में अधिक से अधिक तीन साढ़ेसाती ही अति है |
साढ़ेसाती के तीन चरण
प्रथम चरण - आमदनी, नज़दीकी रिश्तेदारों और जातक को मानसिक रूप से प्रभावित करती है |
दूसरा चरण - स्वास्थ्य, व्यापार और गृहस्थी को प्रभावित करता है।
तीसरा चरण - बच्चों, परिवार, स्वास्थ्य विशेष तौर पर पैरों को प्रभावित करता है |
{तीसरे व अंतिम चरण में मृत्यु तुल्य कष्ट की अनुभूति होती है }
वर्तमान में शनि के राशि परिवर्तन से इन राशियों पर साढ़ेसाती चल रही है -
धनुराशि -पहले चरण की साढ़ेसाती
वृश्चिकराशि - दुसरे चरण की साढ़ेसाती
तुलाराशी - तीसरे और अंतिम चरण की साढ़ेसाती