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Maha-Shivratri 2014

shivratri

शिवरात्रि : 27-Feb-2014

 

ब्रह्मा कृतयुगे देवः , त्रेतायां भगवान रविः  |
द्वापरे भगवान विष्णु:, कलौ देवो महेश्वरः  ||

सतयुग के भगवान ब्रह्मदेव हैं, त्रेता के सूर्यदेव, द्वापर के विष्णु और कलियुग के भगवान केवल महेश्वर शिव ही है | वैसे महादेव तो आदिदेव हैं और आदिदेव होने के कारण तो महादेव चारों युगों के प्रधान देवता है, महादेव तो महादेव है अर्थात देवों में सबसे बड़ा | भगवान शिव तो अनादि व अनन्त हैं, इनके आदि और अंत का पता लगाने हेतु ब्रह्मा और विष्णु ने सहस्त्रों वर्ष तक प्रयत्न किया, परन्तु असफल रहे | अपने भक्तों की आराधना और उपासना द्वारा शीघ्रअतिशीघ्र प्रसन्न होने वाले यदि कोई देव हैं तो वो है देवों के देव महादेव

 भगवान शिव की उपासना से भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र प्राप्त हुआ |

भगवान राम ने इनका पूजन तथा रुद्राभिषेक कर लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त की |

भगवान श्रीकृष्ण ने महा-ऋषि उपमन्यु की दीक्षा लेकर शिवाराधन द्वारा शिव सहस्त्रनाम से अपनी स्त्री जाम्बवती की अभिलाषानुसार पुत्र साम्ब को प्राप्त किया |

मानव ही नहीं देवों, गन्धर्वों, राक्षसों या जिस किसी ने भी महादेव की उपासना की महादेव ने उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण की है |

आइये इस शिवरात्रि पर जानें क्यों हैं शिवरात्रि इतनी महत्वपूर्ण और क्या पसंद है अपने भोले नाथ को, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करिये और विस्तार से जानिये शिव के बारे में

शिव कौन हैं ?

महाशिवरात्रि  का क्या महत्त्व है ?

शिव जी को क्या है पसंद ?

कौन सा मंत्र है भोले नाथ को सबसे प्रिय ?

रुद्राभिषेक का महत्व ?

बेल-पत्र का क्या महत्त्व है ?

भांग-धतूरा क्यों खाते थे शिव ?

भस्म क्यों है अत्यत प्रिय है शिव को ?

 

मेरे आराध्य भोले नाथ मुझ पर और आप सब पर अपनी कृपा बनाये रखें

जय भोले

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