Vaishnav Asthgandh
- 17 January 2014
शिवरात्रि : 27-Feb-2014
ब्रह्मा कृतयुगे देवः , त्रेतायां भगवान रविः |
द्वापरे भगवान विष्णु:, कलौ देवो महेश्वरः ||
सतयुग के भगवान ब्रह्मदेव हैं, त्रेता के सूर्यदेव, द्वापर के विष्णु और कलियुग के भगवान केवल महेश्वर शिव ही है | वैसे महादेव तो आदिदेव हैं और आदिदेव होने के कारण तो महादेव चारों युगों के प्रधान देवता है, महादेव तो महादेव है अर्थात देवों में सबसे बड़ा | भगवान शिव तो अनादि व अनन्त हैं, इनके आदि और अंत का पता लगाने हेतु ब्रह्मा और विष्णु ने सहस्त्रों वर्ष तक प्रयत्न किया, परन्तु असफल रहे | अपने भक्तों की आराधना और उपासना द्वारा शीघ्रअतिशीघ्र प्रसन्न होने वाले यदि कोई देव हैं तो वो है देवों के देव महादेव |
भगवान शिव की उपासना से भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र प्राप्त हुआ |
भगवान राम ने इनका पूजन तथा रुद्राभिषेक कर लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त की |
भगवान श्रीकृष्ण ने महा-ऋषि उपमन्यु की दीक्षा लेकर शिवाराधन द्वारा शिव सहस्त्रनाम से अपनी स्त्री जाम्बवती की अभिलाषानुसार पुत्र साम्ब को प्राप्त किया |
मानव ही नहीं देवों, गन्धर्वों, राक्षसों या जिस किसी ने भी महादेव की उपासना की महादेव ने उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण की है |
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महाशिवरात्रि का क्या महत्त्व है ?
कौन सा मंत्र है भोले नाथ को सबसे प्रिय ?
भांग-धतूरा क्यों खाते थे शिव ?
भस्म क्यों है अत्यत प्रिय है शिव को ?
मेरे आराध्य भोले नाथ मुझ पर और आप सब पर अपनी कृपा बनाये रखें
जय भोले