Gemini - मिथुन
- 29 October 2014
सावन में प्रयास करें की मास पर्यंत (पूरे महीने ) व्रत करें और शिव पूजन करें | यदि आप पूरे महीने व्रत नहीं रख सकते तो पूरे मास तामसिक भोजन से दूर रहें (मांस-मदिरा-प्याज-लहसुन इत्यादि और बाहर भोजन करने से बचें )| सावन के सोमवार और प्रदोष तिथि को तो कम से कम व्रत करें |
प्रतिदिन शिव पूजन करें - शिव पूजन विधि
इस लिंक पर आपको पूजन विधि मिल जाएगी |
सावन में सभी दिन शुद्ध हैं, किसी भी दिन किसी योग्य पुरोहित की सहायता से रुद्राभिषेक कर सकते हैं |
मेष ⇒ गुड अथवा गन्ने के रस से
वृषभ ⇒ कच्चे दूध अथवा दही से
मिथुन ⇒ हरे फलों का रस अथवा भंग मिश्रित ठंडाई से
कर्क ⇒ गौ-दुग्ध अथवा गंगाजल से
सिंह ⇒ शहद मिश्रित जल से अथवा गौ-घृत से
कन्या ⇒ भांग के शरबत से
तुला ⇒ ठन्डे और मीठे गौ-दुग्ध से अथवा सुगन्धित जल से करें
वृश्चिक ⇒ शहद अथवा गौ-घृत से
धनु ⇒गौ-दुग्ध अथवा केसर मिश्रित दूध से
मकर ⇒ सरसों के तेल अथवा तिल के तेल से
कुम्भ ⇒ तिल के तेल से अथवा सुंगधित तेल से
मीन ⇒ आम के रस से, शहद से अथवा नारियल पानी से
सावन (श्रावण) मास में प्रत्येक सोमवार को शिव मुट्ठी चढ़ाई जाती है -
प्रथम सोमवार को शिवलिंग पर एक मुट्ठी कच्चे चावल को चढ़ाया जाता है |
दूसरे सोमवार को शिवलिंग पर एक मुट्ठी सफ़ेद तिल चढाने का नियम है |
तीसरे सोमवार को शिवलिंग पर एक मुट्ठी खड़े मूंग को चढ़ाया जाता है |
चौथे सोमवार को शिवलिंग पर एक मुट्ठी जौ चढाने का नियम है |
इस वर्ष सावन में पांच सोमवार हैं तो पांचवें सोमवार को शिवलिंग पर एक मुट्ठी सत्तू चढाने का नियम है |
इसके अतिरिक्त पूरे मास मन शुद्ध रख कर शिव-पंचाक्षर मंत्र, महामृतुन्जय मंत्र, रुद्राष्टक, शिव-तांडव स्तोत्र, अमोघ शिव कवच,
लिंगाष्टकम आदि किसी भी शिव स्तुति का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है | शिव के पूजन में सामग्री से अधिक अपने भाव को चढाने से लाभ मिलता है |
Ψ नोट : जितने भी नीले रंगों से लिखे शब्द है उनको क्लिक कर के आप उसको विस्तार से पढ़ सकते हैं |
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