आस्था का मजाक
- 12 May 2011
अशुभ दशा जन्म कुंडली में अगर कोई भी ग्रह अशुभ अवस्था में है तो उसकी दशा अन्तर्दशा में स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है आइये समझें कौन सा ग्रह कौन सी बीमारी देगा अपनी महादशा या अंतर दशा में:-
सूर्य : झटके आना, मुँह में बार-बार थूक इकट्ठा होना, झाग निकलना, धड़कन का अनियंत्रित होना, शारीरिक कमजोरी | चंद्र : कफ अनियंत्रित होना, दिल और आँख की कमजोरी। मंगल : ब्लड प्रेशर और पेट संबंधी बीमारी, नासूर, जिगर, पित्त आमाशय, भगंदर और फोड़े होना, चोट लगने से खून बहना । बुध : वाणी दोष, चेचक, नाड़ियों की कमजोरी, जीभ और दाँत का रोग। बृहस्पति : मोटापा, चर्बी, लीवर सम्बन्धी, पेट की गैस और फेफड़े की बीमारियाँ। शुक्र : हार्मोनल परेशानी, गुप्त रोग, त्वचा, दाद, खुजली का रोग। शनि : हड्डी सम्बन्धी परेशानी, नेत्र रोग और खाँसी की बीमारी। राहु : मानसिक अस्थिरता, बुखार, दिमागी की खराबियाँ, अचानक चोट, दुर्घटना आदि। केतु : रीढ़, जोड़ों का दर्द, शुगर, कान, स्वप्न दोष, हार्निया, गुप्तांग संबंधी रोग आदि। इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्त होने के लिए आप हमें संपर्क कर सकते हैं, समय समय पर हम उपाय भी बताते रहेंगे | परन्तु ग्रहों की शांति के लिए आप हमारे यहाँ संपर्क कर सकते हैं, तीर्थराज प्रयाग की पावन भूमि पर योग्य पुरोहितों से उचित मुहूर्त में उचित दक्षिणा राशि में हम निरंतर लोगों की ग्रह शांति पूजन करवा रहे हैं | नवग्रह शांति पूजन अथवा ग्रह शांति पूजन