विल्बपत्र चढाने के 108 मंत्र
- 01 August 2017
शनि अपनी उच्च की तुला राशि को छोड़ कर 2 नवंबर को रात्रि 22:46 पर मंगल की वृश्चिक राशि में पहुचेंगे | शनि का राशि परिवर्तन हमेशा ही बड़ा परिवर्तन होता है इस बार यह बदलाव मंगल की राशि में है मंगल का भूमि, भवन ,लाल रंग की वस्तुओं, जोश और उन्माद पर आधिपत्य है, जबकि शनि का संबंध ऑयल, मशीनरी, न्यायालय और काले रंग से होना माना जाता है। शनि जिस भी राशि में होते हैं उसमें वृद्धि करते हैं, आने वाले ढाई सालों में पूरे विश्व और भारत में भूमि, भवन के कारोबार में वृद्धि होगी | आतंकवाद पर कड़े कानून बनेंगे | आतंकवादी घटनाओं में और विशेष तौर पर उन्मादी घटनाओं (दंगों) में वृद्धि होगी |
भूकंप, सुनामी और अनेकों अनेक प्राकृतिक घटनाओं का प्रबल योग बनेगा, जिससे जन-हानि होगी | गुरु जब तक कर्क राशि में बैठ कर शनि को अपनी पंचम दृष्टि से देख रहा है तब तक उन्माद की स्थिति नियंत्रण में रहेगी उसके बाद पूरे विश्व में उन्माद और आतंकवाद सबसे बड़ी मुसीबत बन कर उभरेगा |
इन्ही ढाई वर्षों में आतंकवाद के खिलाफ कई बड़े देश खुल के एक साथ सामने आ सकते हैं |
कालपुरुष की कुंडली के अष्टम भाव में शनि का आना नए शोध कार्य को इंगित करता है अर्थात आने वाले ढाई वर्षों में विश्व को कोई नया अविष्कार मिल सकता है |
इस राशि परिवर्तन से कन्या राशि साढ़े साती से मुक्त होगी और कर्क और मीन राशि शनि की ढैया से मुक्त होगी | धनु राशि पर साढ़े साती लगेगी और मेष और सिंह राशि शनि की ढैया से पीड़ित होंगी |
नीचे देखिये शनि के राशि परिवर्तन से कैसे प्रभावित होगी आपकी राशि