Mercury Transit (बुध का गोचर)
- 30 November 2014
देवगुरु बृहस्पति का वृश्चिक राशि में प्रवेश
बृहस्पति इस सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह होने के साथ साथ देवताओं के गुरु भी है | इनका राशि बदलना एक बड़ी ज्योतिष कि घटना होती है जो कि इस वर्ष अक्टूबर, 11 2018 (गुरुवार) at 20:39 पर देवगुरु बृहस्पति अपने वैचारिक शत्रु की राशि तुला को छोड़ कर मंगल की वृृश्चिक-राशि में प्रवेश करेंगे, देवगुरु बृहस्पति का राशि-परिवर्तन ज्योतिष में एक बड़ा बदलाव होता है | तक़रीबन तेरह महीनों में देवगुरु अपनी राशि परिवर्तित करते हैं अगला बदलाव नवंबर 5, 2019 (मंगलवार) को 06:42 पर होगा जब गुरु अपनी ही राशि धनु में प्रवेश करेगा |
बृहस्पति की राशि धनु और मीन है और देव गुरु उच्च का फल कर्क राशि में देते है, देव गुरु नीच का प्रभाव मकर राशि में देते है |बृहस्पति जहाँ बैठते हैं वहां से पंचम, सप्तम और नवम में दृष्टि डालते हैं | देवगुरु जिस राशि में बैठते हैं उसमें विपरीत पर जहाँ दृष्टि डालते हैं वहां शुभता देते हैं | बृहस्पति जब राशि से 2,5,7,9 और 11 भाव में होते हैं तो यह बड़े शुभ माने जाते हैं |
बृहस्पति के राशि परिवर्तन का प्रभाव
राशियों पर क्या होगा असर ?
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
[Htab] [tab title="मेष "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन भावों का अधिपति है – नवम और बारहवें भाव
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है – आठवें भाव
बृहस्पति का गोचर आपके अष्टम भाव में हो रहा है। अत: इस गोचर का संकेत यही है कि किसी बड़े निवेश से बचें | अचानक बड़ी धन-हानि की सम्भावना है |
किसी भी प्रकार के विवाद से बचने का प्रयास करें | झगड़े-झंझट से नुकसान आपको ही होगा |
अगर आप शोधकर्ता हैं, तो यह समय नए शोध करने के लिए अत्यंत शुभ है | यही शोध आपको ख्याति और धन देगा |
पुस्तक लेखन के लिए भी यह समय अत्यंत शुभ है |
भाग्येश गुरु बारहवें भाव को जागृत करेगा जिससे विदेश से सम्बन्ध में लाभ होगा विदेश से धन प्राप्ति का भी योग है |
नए वाहन खरीद का योग प्रबल है |
अनैतिक कार्यों से बचें अन्यथा अपयश का योग है |
||जय भोले ||
[/tab] [tab title="वृष"]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – अष्टम और एकादश
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –सातवें भाव में
सातवें भाव में गोचर आपके लिए अत्यंत शुभ है | आपका प्रभाव, प्रभुत्व और पराक्रम बढेगा | आमदनी में भी बढ़ोत्तरी होगी |
किसी पुश्तैनी संपत्ति से सम्बंधित कार्य आपके पक्ष में होता दिख रहा है |
जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार रहे | गोचर आपके मान सम्मान को बढाने वाला होगा |
विद्यार्थी यदि कहीं एड्मिसन लेना चाह रहें हैं तो भाग दौड़ और उठा-पटक के बाद एड्मिसन मिल जायेगा |
जीवनसाथी के स्वास्थ में कमी के योग हैं |
||जय भोले ||
[/tab] [tab title="मिथुन "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – सातवें और दशम
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –छठे भाव में
बृहस्पति का गोचर आपके छठे भाव में होगा। पूरे वर्ष अपने स्वास्थ का विशेष ध्यान देना होगा, यदि आपका स्वास्थ ख़राब चल रहा है तो अस्पताल में धन खर्च होने का योग बन रहा है | अपने लीवर, पैंक्रीयाज और किडनी का ख्याल रखें |
नौकरी पेशा लोगों की बॉस से बड़ी अच्छी बनेगी | मेहनत का फल मिलेगा पहले की गयी मेहनत रंग लाएगी |
विदेश से लाभ मिलेगा, आमदनी में वृद्धि होगी |
आपको जीवन साथी का इस वर्ष जबरदस्त सहयोग मिलेगा |
विवाद से दूरी बना के चलें |
शत्रुओं में आपका भय व्याप्त होगा | प्रेम संबंधों में प्रगाड़ता आयेगी |
||जय भोले ||
[/tab]
[tab title="कर्क "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – छठवें और नवमें
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –पांचवें भाव में
बृहस्पति का गोचर आपके पंचम भाव में होने जा रहा है । अगर आप गर्भवती हैं तो इस अगस्त लगते ही एक बार चेकअप जरूर करवा लें। पेट और पैर सम्बंधित बीमारी परेशान करेगी |
परिवार सहित किसी धार्मिक यात्रा पर जाने का योग प्रबल है |
देवगुरु की दृष्टि से विवाह योग्य लोगों के विवाह के योग बनेंगे, विवाहित लोगों को वैवाहिक सुख बढेगा |
नए लोगों से सम्बन्ध बनेगा, जिससे आगे लाभ मिलेगा |
किसी बड़े धार्मिक उत्सव को आयोजित करने का योग बन रहा है |
||जय भोले ||
[/tab] [tab title="सिंह "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – पांचवें और आठवें
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –चौथे भाव में
बृहस्पति आपके चतुर्थ भाव में गोचर करेगा, बृहस्पति का यह गोचर आपके लिए अत्यंत शुभ है | स्वास्थ अच्छा रहेगा |
घर परिवार में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। घर में किसी बच्चे के जन्म लेने का योग बन रहा है।
ऐसी परिस्थितियां भी बन सकती हैं कि आपको अपमानित होना पड़े।
मानसिक तनाव बढ़ने का योग है अतः आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए प्रयास करें |
नए आत्मीय-सम्बन्ध बनवाने के योग बना रहा है |
वाहन चलाते समय विशेष ध्यान दें, छोटी मोटी चोट लग सकती है | पेट सम्बन्धी परेशानी हो सकती है |
||जय भोले ||
[/tab] [tab title="कन्या "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – चौथे और सातवें
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –तीसरे भाव में
बृहस्पति आपके तीसरे भाव में आ रहे हैं और ये आपके चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी भी हैं, अत: आप प्रसन्न रहेंगे ।
लापरवाही से बचें, अन्यथा नुकसान हो सकता है |
आय में वृद्धि होगी, मित्रों और भाई बंधुओं का भरपूर सहयोग मिलेगा | घर में मांगलिक कार्य होने की प्रबल सम्भावना है |
गोचर हर मामले में अच्छा है परन्तु किसी पर अन्धविश्वास ना करें विशेष तौर पर किसी क़ानूनी कागजात पर हस्ताक्षर करने से पहले सोच समझ लें | किसी की कोई जमानत लेने से बचें |
पैत्रक संपत्ति को लेकर भाई-भतीजों में विवाद संभव है, विवाद से बचें | बीच का रास्ता निकालने का सोचें किसी माफिया के चक्कर में भूल से ना पड़ें |
||जय भोले ||
[/tab]
[tab title="तुला"]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – तीसरे और छठवें
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –दूसरे भाव में
बृहस्पति का गोचर आपके दूसरे भाव में हो रहा है। अत: आर्थिक मामलों में आपका मददगार बनेगा। धन खूब आएगा परन्तु टिक पाना संभव नहीं दिख रहा है |
प्रोफेसनल जीवन में ख्यति बढ़ेगी |
पड़ोसियों और सम्बन्धियों से विवाद ना करें |
अनैतिक सम्बन्ध के कारण मानसिक प्रताड़ना जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है | संयम रखें |
ईश्वर आराधना करने से अपने मन की तृष्णा पर काबू पाया जा सकता है, जन्मकुंडली में यदि अच्छा समय चल रहा है तो यह परेशानी कम हो सकती है पर जीवनसाथी से अनबन से बचें |
||जय भोले ||
[/tab] [tab title="वृश्चिक "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – दूसरे और पांचवें
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –आपकी राशि में
बृहस्पति का गोचर आपके भाव में हो रहा है। बृहस्पति आपके दूसरे और पाँचवें भाव का स्वामी है, अत: ट्रान्सफर हो सकता है |
घर बदलना पड़ सकता है या किसी कारण से घर से दूर जाने का योग बन रहा है |
संतान पक्ष से अच्छी सूचना की प्राप्ति होगी और यदि आप स्वयं विद्यार्थी हैं तो यह गोचर कई उपलब्धि दिलाने वाला होगा |
नए मित्र बनेंगे | विवाह योग्य जातकों का विवाह तय हो सकता है | नया अफेयर होने का भी योग बन रहा है, मर्यादाओं का ध्यान रखना जरुरी है |
स्वास्थ में जो भी कमी चल रही थी उसमें सुधार आएगा, निवेश करते समय सावधानी रखें अन्यथा भारी नुकसान हो सकता है |
||जय भोले ||
[/tab] [tab title="धनु "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – भाव और चौथे
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –बारहवें भाव में
हानि का योग है अतः तनाव लेने की जगह उपचार करने में विश्वास रखें |
इस अवधि में प्रॉपर्टी को लेकर भी कोई विवाद हो सकता है अत: जमीन या मकान की खरीदी-बिक्री से जुड़े मामलों में थोड़ा सावधान रहने की जरुरत है।
बिना सोच-विचार के कोई निवेश ना करें वरना आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
स्वास्थ ठीक नहीं रहेगा, स्वास्थ सम्बन्धी कोई ना कोई परेशानी घेरे रहेगी | परिवार में विवाद होने की सम्भावना है |
||जय भोले ||
[/tab]
[tab title="मकर "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – बारहवें और तीसरे
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –एकादश भाव में
यह गोचर आपके लिए एक बदलाव का गोचर होगा इस गोचर के बाद आपके सोचने और समझने का नजरिया अभी के मुकाबले एकदम बदल जायेगा |
आर्थिक उन्नति और लाभ के रास्ते खुलेंगे |
नया व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। गुरु के गोचर की इस अवधि में घर-परिवार में कोई नया मेहमान आ सकता है यानि आपको संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।
वैवाहिक जीवन में नया रंग आएगा |
धार्मिक पूजन पाठ या अनुष्ठान करवाने का योग भी बन रहा है |
जय भोले ||
[/tab] [tab title="कुम्भ "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – दूसरे और ग्यारवें
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –दशम भाव में
बृहस्पति का गोचर आपके दशम भाव यानी कि कर्म भाव में हो रहा है, जोकि आपके लग्न और चतुर्थ का स्वामी है | जो भी इस राशि के बेरोजगार लोग हैं उनको इस दौरान रोजगार की प्राप्ति होगी |
कार्य क्षेत्र में विवाद की स्थिति बन सकती है, बॉस अथवा अधिनस्त कर्मचारी से विवाद होगा जो अगर समय पर नहीं निपटा तो गंभीर हो जायेगा |
किसी भी प्रकार के विवाद से बचें, खास तौर से पैत्रक संपत्ति से सम्बंधित विवाद आपके पक्ष में नहीं रहेगा | सम्बन्धियों से ऐसी भाषा का प्रयोग करें जिस से आप दोबारा उनसे बात करें तो शर्मिंदा ना हो | मानसिक तौर पर अशांति का अनुभव हो सकता है |
यदि आप अध्यात्मिक हैं और तंत्र मंत्र में आपकी रूचि है तो इस गोचर के दौरान आपको अद्भुत अनुभूति होगी |
||जय भोले ||
[/tab] [tab title="मीन "]
11-अक्टूबर-2018 से 5-नवम्बर -2019 तक
गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है – लग्न और नवम
गुरु इस भाव में गोचर कर रहा है –नवम भाव में
ऑफिस में प्रमोशन और सैलरी में बढ़ोत्तरी की सौगात मिल सकती है।
प्रोफेसनल लाइफ में सब कुछ आपके मन-मुताबिक होगा |
जीवनसाथी का सुन्दर सहयोग प्राप्त होगा | यदि आप जीवनसाथी से दूर रह रहे थे या किसी कारण से विवाद या और कोई भी कारण हो आपका जीवनसाथी से मिलन होगा |
परिवार सहित धार्मिक यात्रा पर जाने का सुन्दर और सुखद अनुभूति हो सकती है |
आपकी ख्याति बढ़ेगी, पद, मान-सम्मान प्राप्त होगा |
||जय भोले ||
[/tab]
[tab title="गोचर"]
इस वर्ष अक्टूबर, 11 2018 (गुरुवार) at 20:39 पर देवगुरु बृहस्पति अपने वैचारिक शत्रु की राशि तुला को छोड़ कर मंगल की वृृश्चिक-राशि में प्रवेश करेंगे, देवगुरु बृहस्पति का राशि-परिवर्तन ज्योतिष में एक बड़ा बदलाव होता है | तक़रीबन तेरह महीनों में देवगुरु अपनी राशि परिवर्तित करते हैं अगला बदलाव नवंबर 5, 2019 (मंगलवार) को 06:42 पर होगा जब गुरु अपनी ही राशि धनु में प्रवेश करेगा |[/tab]
[tab title="देवगुरु"]
ज्योतिष और ज्योतिषीय गणनाओं का आधार नवग्रह ही हैं हमारे जीवन के सभी घटकों को नवग्रह ही नियंत्रित करते हैं परन्तु ज्योतिष में "बृहस्पति" को एक विशेष स्थान प्राप्त है हमारे जीवन के महत्वपूर्ण घटकों पर तो बृहस्पति का अधिकार है ही साथ ही जीवन में होने वाली घटनाओं के समय निर्धारण में भी बृहस्पति ही अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बृहस्पति को शुभ और सौम्य प्रवृति का ग्रह माना गया है धनु और मीन राशि पर बृहस्पति का अधिकार है अर्थात बृहस्पति धनु और मीन राशि का स्वामी है। बृहस्पति कर्क राशि में उच्च और मकर राशि में नीचस्थ होता है सूर्य, चन्द्रमाँ और मंगल बृहस्पति के मित्र ग्रह हैं।
“ बृहस्पति को जीव, अपने गुरु, ज्ञान, शिक्षा, विवेक, अध्यापन परिपक्वता विनम्रता, सदचरित्रता, प्रबन्धशक्ति, संतान, संतान सुख, धर्म, धार्मिक कार्य, परामर्श, उपचार, समाधान शक्ति, कागज, संपादन, ब्याज आदि का कारक माना गया है इसके अतिरिक्त हमारे शरीर में लीवर, वसा(FAT) और श्रवण क्षमता को बृहस्पति ही नियंत्रित करता है"
यदि जन्मकुंडली में बृहस्पति मजबूत हो स्व,उच्च राशि में हो मित्र राशि में हो शुभ भाव ( केंद्र - त्रिकोण) में बैठा हो तो ऐसा व्यक्ति ज्ञानवान विवेकशील और परिपक्व स्वभाव का होता है ऐसे व्यक्ति में प्रबंधन की बहुत अच्छी कुशलता होती है मजबूत बृहस्पति वाले व्यक्ति में समस्याओं का समाधान ढूंढने की बहुत अच्छी समझ होती है। बृहस्पति यदि कुंडली में अच्छी स्थिति में हो और पाप प्रभाव में ना हो तो ऐसा व्यक्ति ईमानदार और आज्ञाकारी स्वाभाव का होता है बृहस्पति यदि अच्छी स्थिति में हो तो संतान अच्छी और आज्ञाकारी होती है। मजबूत बृहस्पति वाला व्यक्ति अपने ज्ञान और विद्याओं के कारण प्रसिद्धि प्राप्त करता है।
[/tab] [tab title="उपाय"]
यह बदलाव सात्विक देवगुरु बृहस्पति का तार्किक बुध की राशि में है, तर्क सिर्फ जीतने के लिए दिया जाता है परन्तु ज्ञानी हमेशा सत्य के पक्ष में होता है | इस पूरे गोचर के दौरान तर्क और ज्ञान के बीच मानसिक उठा-पटक से सभी को दो चार होना होगा |
मिथुन, सिंह, कन्या, वृश्चिक राशि वालों को लाभ होगा बाकि सभी राशियाँ नीचे दिए गए मंत्र का जाप कर सकती हैं |
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:।
ॐ देवाना च ऋषिणां च गुरुं कांचसंनिभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ॐ बृं बृहस्पतये नम:
[/tab]
[tab title="गुरु-युति"]
बृहस्पति और सूर्य का योग बहुत शुभ होता है इसे जीवात्मा योग कहते हैं ऐसे व्यक्ति का व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली होता है और अच्छी सामाजिक प्रतिष्ठा मिलती है। धार्मिक कार्यों में रुचि होती है व्यक्ति में अच्छी सकारात्मक शक्ति होती है।
कुंडली में बृहस्पति और चन्द्रमा का योग बहुत शुभफलकारी होता है इसे गजकेशरी योग भी कहते हैं यह योग समृद्धि को बढाने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति शांत चित्त और अपनी माता के प्रति विशेष लगाव रखने वाला होता है ।
कुंडली में बृहस्पति मंगल का योग होने से व्यक्ति निडर और पराक्रमी स्वाभाव का होता है प्रतिस्पर्धा में आगे रहता है ऐसा व्यक्ति कुछ ईगोस्टिक भी होता है।
कुंडली में बुध बृहस्पति का योग होने पर जातक बहुत बुद्धिमान गहनता से सोचने वाला और दूरद्रष्टा होता है ऐसे व्यक्ति में बहुत अच्छी तर्क कुशलता होती है गणनात्मक कार्यो में आगे रहता है और अपने बुद्धि बल से सभी कार्यों को सिद्ध कर लेता है।
बृहस्पति शुक्र का योग शुभ भाव में बनना अच्छा होता है भाव के फलों को बढ़ता है ऐसे व्यक्ति में कलात्मक प्रतिभाएँ होती हैं और रचनात्मक कार्यों में आगे बढ़ता है।
शनि और बृहस्पति का योग बहुत शुभ होता है यदि शुभ भाव में हो तो उच्च पद की प्राप्ति होती है, करियर के लिए अच्छा फल होता है |
[/tab]
[/Htab]
स्वतंत्र भारत की कुंडली में इस गोचर का बड़ा योगदान होगा क्योंकि 2019 में भारत में लोकसभा के चुनाव हैं उससे पहले अब इसके बाद कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा इसलिए यह गोचर बहुत ही महतवपूर्ण है |
स्वतंत्र भारत की कुंडली में लग्न से सप्तम भाव में और राशि से पंचम भाव में यह गोचर भारत के लिए अत्यंत शुभ दिखाई दे रहा है | देवगुरु बृहस्पति कालपुरुष की अष्टम राशि में मंगल की जल तत्व की राशि वृश्चिक में भारत में शोध कार्यों में ख्याति प्राप्त करता दिख रहा है | चिकित्सा के क्षेत्र में तथा शस्त्र विद्या में भारत कोई शोध द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना दबदबा बनाएगा |
गुरु धर्म के ग्रह हैं और गुरु की राशि धनु में कानून के स्वामी शनि के होने से किसी पुराने धर्म स्थल पर कानून बन सकता है {राम मंदिर पर या तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा या सरकार द्वारा कानून बन के मंदिर निर्माण का रास्ता खुलने का पूर्ण योग है }| सप्तम भाव में बैठ कर गुरु एकादश भाव यानि कि भारत की आय यानि अर्थव्यवस्था को बल देगा जिससे रूपये में स्थिरता आएगी और बैंकों में मजबूती और व्यापार में मजबूती आएगी | भारत के राजकीय कोष मे वृद्धि, व्यापार और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा | तृतीय भाव में दृष्टि होने से भारत का पराक्रम बढेगा, पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध बनेंगे, संचार तथा शोध से संबंधित कई कार्यो में योजनाएं बढेंगी और लग्न पर दृस्टी होने से राज्य पक्ष को लाभ, विदेशों से मान सम्मान,अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा बढ़ेगी, भारत की गिनती विश्व में टॉप शक्तिशाली देशों में होगी | सप्तम भाव से देश की विपक्षी पार्टी को भी देखा जाता है, महागठबंधन शायद बन ही ना सके धीरे धीरे आपसी कलह बढ़ेगी और विपक्ष छिन्न-भीन्न हो जायेगा | जिससे 2019 में फिर से मोदी सरकार आती ही दिख रही है {इलेक्शन की डेट आने पर इलेक्शन का आंकलन विस्तार से करूँगा } |खेल के क्षेत्र में भी भारत का वर्चस्व बढेगा |