कालसर्प योग के उपाय
- 04 April 2013
पौष मास को पूस नाम से भी जाना जाता है, पौष मास हिन्दू पंचांग का दसवां मास है, पौष मास अंग्रेजी कैलेंडर दिसंबर या जनवरी महीने में प्रारंभ होता है | इसका प्रारंभ मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन से होता है |
सूर्य-पूजा (साम्ब दशमी )
पौष मास में जन्म लिए हुए जातक आशावादी, प्रभावशाली, मिलनसार, स्वतंत्रताप्रिय तथा दार्शनिक प्रकृति के होते हैं |
ये परिश्रमी, अनेक विषयों के जानकर तथा उद्यमी होते हैं |
इनकी अनुभूतियाँ गहरी होती है |
शुक्ल पक्ष में जन्म लेने वाले प्रायः धनी तथा कृष्ण पक्ष वाले अल्प-धनी होते है |
इनका व्यक्तित्व विशाल होता है अपने साहस के बल पर ये बड़ी बड़ी कठिनाइयों को भी पार कर सकते हैं |
इनका विवाह प्रायः युवावस्था में होता है | संतान सुख सामान्य रहता है | जीवन आमतौर से सुखी व्यतीत होता है |
भाग्योदय 27-39 वर्ष की आयु में होता है | इन्हें सच्चे तथा हितैषी मित्र प्रायः नहीं मिल पाते हैं |
स्वाभाव से जिद्दी होने के कारण इनके चारों ओर प्रायः शत्रुओं का वातावरण बना रहता है | आयु मध्यम होती है |