शनि जयंति
- 19 May 2012
सभी ज्योतिषाचार्य रत्न पहन ने की सलाह देते हैं और सच में यदि रत्न शुद्ध है और प्रतिष्ठित हैं तो रत्न पहन ने वाला जातक स्वयं अपने व् अपने समय में बदलाव अनुभव कर सकता है | अब बात ये आती है की रत्न को प्रतिष्ठित कैसे किया जाए | वैसे प्राण प्रतिष्ठा का नियम तो बड़ा विस्तृत है परन्तु आम जन मानस कि मदद के लिए इसका आवश्यकतानुसार जन सुलभ तरीका दिया जा रहा है |रत्नों कि बनी अंगूठी या लाकेट को धारण के कम से कम एक दिन पहले ही सुनार से ला कर शुद्ध गंगाजल में डुबो कर रख दें, सम्बंधित रत्न के धारण दिन पर अंगूठी गंगा जल से निकाल कर पूजन स्थान पर रखें, तत्पश्चात धुप दीप दिखाएँ व् सम्बंधित ग्रह मंत्र का कम से कम १०८ बार जाप करें (जो कि नीचे चार्ट में लिखें हैं ) उस के बाद अंगूठी को हाथ में ले और अंगूठी पर तीन बार फूक मारें, ऐसा करते ही सम्बंधित अंगूठी की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण हो जाती है |
ग्रह - सूर्य
वार - रविवार
रत्न - माणिक, सूर्य मणि
मंत्र - ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:
मंत्र - ॐ घृणी सूर्याय नमः
ग्रह - चन्द्र
वार - सोमवार
रत्न - मोती, चन्द्र मणि
मंत्र - ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्राय नम:
मंत्र - ॐ सोम सोमाय नमः
ग्रह - मंगल
वार - मंगलवार
रत्न - मूंगा
मंत्र - ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:
मंत्र - ॐ अं अंगारकाय नमः
ग्रह - बुध
वार - बुधवार
रत्न - पन्ना, मरगज, ओनेक्स
मंत्र - ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
मंत्र - ॐ बुं बुधाय नमः
ग्रह - बृहस्पति, गुरु
वार - बृहस्पतिवार
रत्न - पुखराज, सुनहला, टोपाज
मंत्र - ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:
मंत्र - ॐ गुं गुरुवे नमः
ग्रह - शुक्र
वार - शुक्रवार
रत्न - हीरा, ओपल, अमेरिकन हीरा (A.D.)
मंत्र - ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
मंत्र - ॐ शुं शुक्राय नमः
ग्रह - शनि
वार - शनिवार
रत्न - नीलम, नीली
मंत्र - ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
मंत्र - ॐ शं शनैश्चराय नमः
ग्रह - राहु
वार - बुध, शनि
रत्न - गोमेद
मंत्र - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
मंत्र - ॐ रां राहवे नमः
ग्रह - केतु
वार - बुधवार, शनिवार
रत्न - लहसुनिया
मंत्र - ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:
मंत्र - ॐ कें केतवे नमः
नोट :