Libra - तुला
- 29 October 2014
विभिन्न ग्रहों की युति के क्या फल हो सकते हैं - जब दो ग्रह एक ही राशि में हों तो इसे ग्रहों की युति कहा जाता है | आइये अपनी कुंडली खोलिए और देखिये आपकी कुण्डली में क्या सूर्य के साथ कोई ग्रह की युति है यदि है तो जानिए क्या फल देगी यह युति
उत्कृष्ट योग, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, यश दिलाता है। उच्च शिक्षा हेतु दूरस्थ प्रवास योग तथा बौद्धिक क्षेत्र में असाधारण यश देता है।
कला क्षेत्र में विशेष यश दिलाने वालायोग होता है। विवाह व प्रेम संबंधों में भी नाटकीय स्थितियाँ निर्मित करता है।
इस योग को बुधादित्य योग भी कहा जाता है | यह योग व्यक्ति को व्यवहार कुशल बनाता है। व्यापार-व्यवसाय में यश दिलाता है। कर्ज आसानी से मिल जाते हैं।
अत्यंत महत्वाकांक्षी बनाने वाला यह योग व्यक्ति को उत्कट इच्छाशक्ति व साहस देता है।ये व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध करने की योग्यता रखते हैं।
अत्यंत अशुभ योग, जीवन के हर क्षेत्र में देर से सफलता मिलती है। पिता-पुत्र में वैमनस्य, भाग्यका साथ न देना इस युति के परिणाम हैं।
चंद्र यदि शुभ योग में हो तो यह युतिमान-सम्मान व प्रतिष्ठा की दृष्टि से श्रेष्ठ होती है, मगर अशुभ योग होने पर मानसिक रोगी बना देती है।
इसको ग्रहण योग भी बोलते हैं यह योग शुभ नहीं होता, जातक व्यर्थ विवादी, कभी भी संतुष्ट ना होने वाला, पित्त रोगी होता है | घर में कलह होती है |