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- 18 March 2014
तिथि के नाम - भारतीय कालगणना के अनुसार पुरे मास में दो पक्ष होते हैं -शुक्ल और कृष्ण और
शुक्ल पक्ष - इनमें 1 (प्रतिपदा ) से 14 (चतुर्दशी) तक तिथि के बाद पूर्णिमा आता है जोकि 15 वाँ तिथि होती है |
कृष्ण पक्ष - इस पक्ष का प्रारंभ पूर्णिमा के बाद होता है और तिथि 1(प्रतिपदा ) से 14(चतुर्दशी) तक होने के बाद अमावस्या आती हैं जोकि 30 वीं तिथि होती है |
नीचे सभी तिथियों और उनके स्वामियों के नाम उपलब्ध कराये जा रहे हैं -
01. प्रतिपदा - अग्नि 02. द्वितीया - ब्रह्मा 03. तृतीया - गौरी 04. चतुर्थी - गणेश 05. पञ्चमी - शेषनाग 06. षष्ठी - कार्तिकेय 07. सप्तमी - सूर्य 08. अष्टमी - शिव 09. नवमी - दुर्गा 10. दशमी- काल (यम ) 11. एकादशी - विश्वदेवा 12. द्वादशी - विष्णु 13. त्रयोदशी - कामदेव 14. चतुर्दशी - शिव 15. पूर्णिमा - चंद्रमा 30. अमावस्या - पितर
तिथि वृद्धि - जब एक ही तिथि में दो बार सूर्योदय हो जाता है तो उसको तिथि की वृद्धि या वृद्धि कहते हैं |
तिथि क्षय - जिस तिथि में सूर्योदय नहीं होता उस तिथि का क्षय हो जाता है और इसको ही तिथि क्षय कहते हैं |